अडानी पावर कंपनी के द्वारा ग्राम- छोटे भंडार,बड़े भंडार और सरवानी के आम निस्तार ( नाला ,तालाब और सड़क ) के शासकीय भूमि एवं आदिवासी भूमि पर किया गया है अवैध कब्ज़ा तो फिर विस्तार के लिए क्यों किया जा रहा है जनसुनवाई



Raigarh । मामला अडानी पावर लिमिटेड ग्राम-बड़े भंडार ,तहसील -पुसौर जिला रायगढ़ में स्थित प्लांट का है ,अडानी पावर लिमिटेड के द्वारा अपने प्लांट के 800 मेगावाट के 02 यूनिट स्थापना हेतु 12 जुलाई को जनसुनवाई का आयोजन ग्राम-सूपा में किया जा रहा है जिसका पुरे जोर से ग्राम-वासियो के द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जायेगा।
अडानी पावर लिमिटेड कंपनी जो पूर्व में कोरबा वेस्ट पावर कंपनी लिमिटेड के नाम से जाना जाता था वर्तमान में उस कंपनी का अधिग्रहण अडानी पावर के द्वारा किया गया है।


अडानी पावर लिमिटेड कंपनी के द्वारा प्लांट के अंदर लगभग 7 एकड़ शासकीय आम -निस्तार ( तालाब ,सड़क एवं नाला ) की भूमि को अवैध रूप से कब्ज़ा किया हुआ है ,ग्राम-सरवानी के खसरा न. 459 ,463,465,467,472,522,524,536/6,557 ,563,484,449/1 रकबा क्रमशः 0.368 ,0.271 ,0.263 ,0.146 ,0.182 ,0.081 ,0.202 ,0.105 ,0.174 ,0.182,0.498 ,0.138 हेक्ट., ग्राम- बड़े भंडार के खसरा न. 54/4 रकबा क्रमशः 0,045 हेक्ट ग्राम-छोटे भंडार के खसरा न. 2/1 रकबा क्रमशः 0.227 हेक्ट कुल रकबा 2.882 हेक्ट ( 7.11 एकड़ ) शासकीय भूमि जो आम निस्तार ( नाला ,तालाब एवं सड़क मद में दर्ज ) भूमि पर अडानी पावर लिमिटेड- छोटे भंडार के द्वारा शासकीय भूमि पर अवैध कब्ज़ा पाया गया है जिसमे वर्तमान में प्लांट का निर्माण कार्य कर दिया गया है ।जिस पर जिला प्रशासन मूक दर्शक बना हुआ है अभी तक कोई कार्यवाही नहीं किया गया है जो समझ से परे है।
आदिवासी महिला के जमीन पर कब्जा
इसी प्रकार से अडानी कंपनी के द्वारा एक आदिवासी महिला के ग्राम-बड़े भंडार स्थित भूमि खसरा न. 202/4 रकबा 0.21 एकड़ भूमि पर अवैध रूप से कब्ज़ा किया गया है ,इसकी जानकारी जिला प्रशासन को होने के बावजूद कोई कार्यवाही नहीं किया जा रहा है, आदिवासी महिला को कब्ज़ा दिलाने के बजाये उसके जगह अडानी कंपनी को ही  कब्ज़ा दिलाया गया, जबकि शासन एवं जिला प्रशासन को आदिवासी के हितो की रक्षा करनी होती है क्योकि वे राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र होते है , लेकिन तत्कालीन तहसीलदार  के द्वारा अडानी कंपनी से मिलीभगत कर शासन के नियमो को दरकिनार करते हुए कंपनी को अवैध लाभ पहुंचाया गया है जो एक गंभीर अपराध के श्रेणी में आता है।

प्रदेश मे मुख्यमंत्री आदिवासी होने के बाद भी….?
वर्तमान में छत्तीसगढ़ राज्य के मुख्यमंत्री एक आदिवासी नेता है , जिन्हे आदिवासियों के हितो की रक्षा करनी चाहिए ,लेकिन अडानी कंपनी के द्वारा आदिवासियों के जमीन में अवैध कब्ज़ा करके उनका खुले आम शोषण किया जा रहा है और शासन एवं जिला प्रशासन को नियमो का खुले आम उल्लंघन किया जा रहा है फिर छत्तीसगढ़ में एक आदिवासी मुख्यमंत्री का सपना सकार तो हो गया लेकिन आदिवासीयों का अभी भी खुलेआम शोषण किया जा रहा है और नियमों के दरकिनार कर उनके जमीन पर अन्य लोगो के द्रारा जबरदस्ती कब्जा किया जा रहा है!

तलाब नाला और अन्य शासकीय जमीन पर कब्जा
अडानी कंपनी के द्वारा प्लांट के अंदर लगभग 7 एकड़ शासकीय आम -निस्तार ( तालाब ,सड़क एवं नाला ) की भूमि को अवैध रूप से कब्ज़ा किया हुआ है उसका पूरा मामला यह है की वर्ष 2010 में उद्योग संचालनालय ,छत्तीसगढ़ रायपुर के पत्र क्रमांक  107 /अधोविक /भू.अ. /2010 /14705 रायपुर दिनांक 20 अक्टूबर 2010 को  कलेक्टर रायगढ़ को औद्योगिक प्रयोजन हेतु जिला रायगढ़ में शासकीय भूमि हस्तांतरण बाबत ग्राम-बड़े भंडार ,छोटे भंडार और सरवानी ग्राम के रकबा क्रमशः 0.045 हेक्ट ,0.227 हेक्ट. और 2.610 हेक्ट. इस प्रकार कुल 2.882 हेक्ट. भूमि को आबंटन का प्रस्ताव आया हुआ था जिसमे महा प्रबंधक जिला व्यापर एवं उद्योग को आवेदक संस्था नियुक्त किया गया था ,, भूमि का आबंटन की कार्यवाही करने के बाद अधिपत्य लेके कंपनी को लीज डीड में प्रदान किया जाये। 

एक नजर इधर भी

उसके बाद शासकीय भूमि हस्तांतरण करने के लिए  कलेक्टर रायगढ़ के राजस्व प्रकरण  02/ अ-19(3) /2010-11 दिनांक 02/11/2010 को दर्ज करके अनुविभागीय अधिकारी राजस्व रायगढ़ भेजा गया उसके बाद  दिनांक 09/11/2010 को उक्त प्रकरण को अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के राजस्व प्रकरण क्रमांक 09/ अ-19(3)/ 2010-11 दर्ज करके तहसीलदार पुसौर को जाँच रिपोर्ट के लिए भेजा गया उसके बाद तहसीलदार पुसौर के द्वारा दिनांक 22/11/2010 को प्रकरण क्रमांक 01/ अ-19(3)/ 2010-11 दर्ज करके  जाँच प्रतिवेदन हेतु विधिवत कार्यवाही किया गया जिसमे हल्का पटवारी,

ग्राम-पंचायत का अभिमत और इस्तिहार का प्रकाशन किया गया नियत समयवधि में दावा-आपत्ति मंगाया गया उसके बाद दिनांक 24/05/2011 को तत्कालीन तहसीलदार पुसौर के द्वारा जाँच रिपोर्ट  अनुविभागीय अधिकारी राजस्व रायगढ़ को भेजा गया उसके बाद प्रकरण का अनुविभागीय अधिकारी राजस्व रायगढ़ के द्वारा दिनांक 26/03/2012 को उक्त प्रकरण को कलेक्टर महोदय रायगढ़ को अभिमत के साथ भेजा गया  कलेक्टर महोदय रायगढ़  के द्वारा उक्त प्रकरण को पुनः विधिवत बिंदुवार जाँच करने हेतु  पुनः अनुविभागीय अधिकारी राजस्व रायगढ़  दिनांक 27/03/2012 को भेजा गया,

तत्पश्चात अनुविभागीय अधिकारी राजस्व रायगढ़ के द्वारा दिनांक 28/03/2012 को तहसीलदार पुसौर को बिंदुवार विस्तृत जाँच प्रतिवेदन मंगाया गया  उसके बाद उक्त प्रकरण कहा गया आज तक किसी को पता नहीं चल रहा है अर्थात उक्त  तीनो  ग्राम- बड़े भंडार ,छोटे भंडार और सरवानी के  शासकीय आम -निस्तार ( तालाब ,सड़क एवं नाला ) की भूमि आज पर्यन्त तक अडानी पावर कंपनी को आबंटन या हस्तांतरण ही नहीं हुआ, जो जाँच का विषय है की अडानी कंपनी के द्वारा उक्त शासकीय  भूमि पर अवैध कब्ज़ा किया हुआ है, जिसमे शासन एवं जिला प्रशासन को करोड़ो रुपये का राजस्व का हानि पहुँच रहा है। कुछ समय पूर्व में कुछ लोगो के द्वारा जनदर्शन में उक्त संबंध में शासकीय आम -निस्तार ( तालाब ,सड़क एवं नाला ) की भूमि आज पर्यन्त तक अडानी पावर कंपनी के द्वारा अवैध कब्ज़ा करने के संबध में  शिकायत किया गया था

जिसमे जाँच किया गया था और अडानी कंपनी के द्वारा उक्त भूमि में अवैध रूप से कब्ज़ा पाया गया था , जिस पर अभी तक जिला प्रशासन के द्वारा अडानी कंपनी के ऊपर कोई कार्यवाही नहीं किया गया है, जो अपने आप में बहुत गंभीर मामला है यही बेजा कब्ज़ा एक गरीब आदमी करता तो जिला प्रशासन कार्यवाही कर देता ,लेकिन अडानी कंपनी के ऊपर कार्यवाही नहीं  होना अपने आपमें बहुत गंभीर मामला है।


जिला प्रशासन के द्वारा शासकीय भूमि एवं आदिवासियों के भूमि  में अवैध कब्ज़ा पर कार्यवाही करने के बजाये और अडानी कंपनी के विस्तार पर हेतु  जन सुनवाई करना समझ से परे है।

कम्पनी विस्तार के खिलाफ जिला कांग्रेस करेगी विरोध : बड़े भंडार के प्रभावित किसानों ने जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अनिल शुक्ला से मिलकर अपनी व्यथा सुनाई थी जिसके बाद उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं से चर्चा करते हुए निर्णय लिया था कि किसान हित में 12 जुलाई को होने वाले अदानी पावर के जनसुनवाई का विरोध जिला कांग्रेस विरोध करेगी जिसके तैयारीयों को लेकर पूर्व में कार्यकर्ताओं का मीटिंग हो चुका है जल्द ही अगले मीटिंग में विरोध का रूप रेखा बनाने का निर्णय लिया गया है

क्या कहते है अधिकारी :

कंपनी के खिलाफ जो भी मामला है उसके हर तथ्यों पर जांच होगी चाहे आदिवासी जमीन का मामला हो या फिर सरकारी जमीन या फिर अन्य कोई भी मामला हो जो किसानों से भी जुड़ा है हर बिंदु पर जांच होगी          

प्रवीण तिवारी एसडीएम रायगढ़ (छतीसगढ़ )

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