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राजधानी में लूट का आतंक: एटीएम सुरक्षा में खामियां, प्रशासन ने जांच के आदेश दिए

राजधानी में अभी कई एटीएम ऐसे हैं जहां न तो पैनिक बटन है और न ही अलार्म काम कर रहे हैं। कई जगहों पर सीसीटीवी कैमरों की क्वालिटी भी खराब है। ज्यादातर एटीएम में सुरक्षा गार्ड नहीं रखे जाते हैं। जनवरी से अब तक केवल रायपुर शहर में ही एटीएम से छेड़छाड़ और बैंक अफसरों का कहना है कि साल के आखिर में सुरक्षा जांच की जाती है। इससे पता चलता है कि किस एटीएम में किस तरह की खामी है। फिर इसे दूर किया जाता है। कलेक्टर ने भी पिछले हफ्ते सभी बैंक अफसरों की बैठक लेकर सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए कहा है। रायपुर एसएसपी ने सभी थाना प्रभारियों से कहा है कि पेट्रोलिंग के दौरान अपने-अपने इलाके के बैंक और एटीएम की अनिवार्य रूप जांच करें।

कहीं भी कोई भी खामी दिखे तो इसकी सूचना संबंधित बैंक के अफसरों को दें। राजधानी में लगातार एटीएम की संख्या बढ़ी है। केवल शहर में 300 से ज्यादा एटीएम है। अधिकतर बैंकों की ब्रांच में एक एटीएम खोला गया है। इसके अलावा जरूरत के अनुसार शहर के सभी इलाकों में एटीएम खोले गए हैं। एटीएम संचालन का खर्चा बचाने के लिए ज्यादातर बैंक वाले अब वहां सुरक्षा गार्ड नहीं रखते हैं।

उनका कहना है कि सभी एटीएम की मॉनिटरिंग कैमरों से की जा रही है। इसके लिए हर बैंक का कंट्रोल रूम भी है। जहां कैमरों से निगरानी की जा रही है। सभी बैंकों के एटीएम में कांच के दरवाजे लगाए जाते हैं। जिससे अंदर कौन-क्या कर रहा है बाहर से दिखाई दे सके। कुछ एटीएम के दरवाजे खराब हो गए हैं। जिसकी वजह से वहां बाहर से पूरी तरह से खुल गए हैं। इस वजह से कई बार एक ही एटीएम में एक ही समय में कई लोग एक साथ दाखिल हो जाते हैं। इस तरह की कई खामियों को दूर करने के लिए भी सभी एटीएम का सुरक्षा ऑडिट किया जा रहा है।

जांच में ये बिंदु शामिल किए गए

  • एटीएम में लगे अलार्म सायरन व पैनिक बटन काम कर रहे हैं या नहीं।
  • एटीएम के आसपास के लोग सायरन की आवाज पहचानते हैं या नहीं।
  • एटीएम में कितने सुरक्षा गार्ड की ड्यूटी कितने पाली में लगाई जा रही।
  • सुरक्षा गार्ड के पास मौजूद लाइसेंसी हथियार और उनकी सतर्कता ।
  • सीसीटीवी डीवीआर का सुरक्षित स्थान पर होना। कैमरे की क्वालिटी।
  • सीसीटीवी बैकअप की जांच कम से कम 15 दिनों में जरूर की जाए।
  • एटीएम में लगे गेट से लोगों का क्रमबद्ध आना-जाना सुनिश्चित हो।
  • बैंकों के बाहर ऐसे सीसीटीवी कैमरे लगाए जो ज्यादा रेंज कवर करे।
  • बैंकों के अंदर और बाहर घूम रहे संदिग्ध लोगों और गाड़ियों की जांच।
  • बैंकों में हिडन और स्पाई कैमरे लगाए जाए, जो अफसरों को ही पता हो।

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