प्रभावितों ने कलेक्टर कार्यालय और एसईसीएल मुख्यालय के सामने रैली के साथ प्रदर्शन किया

विस्थापन लाभ में भेदभाव का लगाया आरोप

वनभूमि पट्टा पर रोजगार, पुनर्वास और मुआवजा भी नही दी जा रही

छत्तीसगढ़//रायगढ़:- एसईसीएल रायगढ़ क्षेत्र के भूविस्थापित व प्रभावितों ने आज अपनी विभिन्न मांगों को लेकर कलेक्टर और एसईसीएल मुख्यमहाप्रबन्धक कार्यालय तक रैली निकाली और नारेबाजी के साथ अपनी मांग पत्र सौंपा ।



एसईसीएल के रायगढ़ क्षेत्र अंतर्गत बरौद खदान के विस्थापित परिवारों ने आज ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति के बैनर तले जिला कार्यालय और एसईसीएल मुख्यालय तक रैली निकाली उसके बाद दोनों कार्यालय में घण्टो तक नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया और मांगो पर ज्ञापन सौंपा है ।



ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति के अध्यक्ष सपुरन कुलदीप ने बताया है कि एसईसीएल एक कंपनी एक नियम का पालन नही कर रही है कोरबा जिले के मेगा प्रोजेक्ट दीपका गेवरा और कुसमुंडा में दी जा रही सुविधाओ से अन्य क्षेत्रों के भूविस्थापितों को वंचित किया जा रहा है 15 लाख रुपये बसाहट राशि यहां मात्र 3 लाख दे रही है वनभूमि पट्टा प्राप्त किसानों को रोजगार मुआवजा और पुनर्वास की सुविधा नही दे रही है इसी के साथ डीएमएफ और सीएसआर से क्षेत्रवासियों प्रत्यक्ष प्रभावितों के लिए बुनियादी सुविधा , शिक्षा रोजगार सृजन जैसी मदों में खर्च करने के बजाय सौंदर्यीकरण के नाम पर बंदरबांट किया जा रहा है जिसके लिए अब सड़को पर जनता को उतारी जाएगी ।


ग्राम बरौद के सरपंच श्रीमती रामशिला राठिया ने कहा कि एसईसीएल की वादाखिलाफी के कारण हमें सड़कों पर उतरने को मजबूर होना पड़ा है किसानों को जमीन, खेत और घर गंवाने के बाद भी जब उन्हें उनका हक नहीं मिला, इसलिए आज रायगढ़ में विस्थापित परिवारों ने कार्यालय का घेराव किया है उपसरपंच ने कहा 2013-14 में जिन परिवारों का विस्तार हुआ, उनके लिए मकान निर्माण का मुआवजा तक नहीं दिया गया पुनर्वास स्थलों पर स्कूल, आंगनबाड़ी, पंचायत भवन जैसी बुनियादी सुविधाएं आज भी सपना बनी हुई हैं वहीं कोलियरी शिफ्टिंग में कई परिवारों को उनका हक और मुआवजा अब तक नहीं मिला है गांव के लोग सवाल कर रहे हैं कि आखिर कब तक उन्हें धोखे में रखा जाएगा ।



परमानंद यादव ने बताया कि हमने अपनी जमीनें कोल कंपनियों और सरकार को सौंप दीं, अपने खेत-खलिहान गंवा दिए, पुश्तैनी घर छोड़ दिए लेकिन न ढंग का मुआवजा, न रोजगार, न बुनियादी सुविधाएं मिली है प्रशासन और प्रबंधन ने सिर्फ वादे किए, लेकिन हक आज़ तक नहीं दिया आंदोलनकारियों का कहना है कि अब और इंतजार नहीं कर सकते अब सड़को पर और जरूरत पड़ी तो कानून का सहारा लिया जाएगा और अपनी अधिकार को हर हाल में हासिल किया जाएगा ।



प्रदर्शन में प्रमुख रूप से रथामिला राठिया सरपंच सेतुकुमार राठिया, संदिप मेहर, सत्यप्रकाश चौहान, सनतकुमार राठिया,धरमूराम राठिया,तेजराम राठिया,सुकलाल झरिया,सम्पत सिंह राठिया, विजयपाल सिंह तंवर रुद्र दास महंत बसंत कुमार कंवर अनुसूईया राठौर ललित महिलांगे संतोष चौहान अमृता यादव कुमारी कंवर सुशीला कंवर सहित सैकड़ो ग्रामीण उपस्थित थे ।

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