
तमनार:- जिले के विधानसभा क्षेत्र लैलूंगा के तमनार ब्लॉक अंतर्गत 12 जनवरी2024 को दोपर में विधायक विद्यावती कुंजबिहारी सिदार ने नागरामुड़ा पहुंच कर गांववालों के साथ लगभग दो किलोमीटर पैदल चलकर जंगल पहुंची जहाँ जिंदल कम्पनी के कोलमाईंस सेक्टर4/1 के दायरे में नागरामुड़ा से लगे जंगल की पेड़ों की कटाई की जा रही है।
विधायक ने जंगल की हो रही अंधाधुंध कटाई पर.रोश जताया और ग्रामीणों से इसके बारे में विस्तार से जानकारी ले कर एस डी एम घरघोड़ा को फोन से ग्रामीणों के समक्ष बात की जंगल की कटाई के बारे में तो अपना अधिकार क्षेत्र से बार है, एस डी एम ने इसकी जिम्मेदारी डीएफओ को बता कर टाल दिया। जब विधायक ने डीएफओ से फोन पर बात की तो टाल मटोल कर सारी जिम्मेदारी कलेक्टर रायगढ़ के ऊपर थोप दिया। एस डी एम और डीएफओ की दलीलों को सुन कर विधायक ने सीधे कलेक्टर रायगढ़ को फोन लगा एस डी एम और डीएफओ से हुई बात चित को साझा कर नागरामुड़ा में हो रही जंगल की मनमानी तरीका से की जा रही कटाई का सही तरीका से हल करने के लिए आस्वस्त किया।

विधायक ने कहा कि आज 47 दिन हो गई है जंगल को बचाने के लिए ग्रामीण जंगल में धरना दे रहे हैं लेकिन अब तक प्रशासन के कोई भी अधिकारी ने नागरामुड़ा गांव में आकर संज्ञान नहीं लिया है ये बहुत शर्म की बात है। विधायक ने शासन-प्रशासन से प्रेस के माध्यम से इस मामले का जल्द से जल्द ग्रामीणों के बीच उपस्थित हो कर निवारण करने के लिए आस्वस्त किया है।
ग्रामीणों का कहना है जब तक कम्पनी के वादा के हिसाब से हमारे नागरामुड़ा गांव का विस्थापन नहीं किया जा तब तक हम धरना जारी रखेंगे, सबसे पहले हमारे ग्रामवासियों के लिए अच्छी जगह पर विस्थापन हो सर्वे सुविधा मुहैया कराई जाय । हमारा गांव को इस जंगल से जीवन यापन करने के लिए कई चीजें प्राप्त होती है, जंगल से हमारा गांव पूरी तरह से आश्रित है।
नागरामुड़ा ग्रामवासियों ने पिछले दिनों समाचार पत्रों के माध्यम से विधायक विद्यावती कुंजबिहारी सिदार पर पूर्व जोगी कांग्रेस के प्रत्याशी एवं सामाजिक कार्यकर्ता मनिषा गोंड लैलूंगा के द्वारा लगाये कटाक्ष विधायक विद्यावती सिदार निश्क्रिय बताने को निराधार बताया, जहाँ तक विधायक विद्यावती सिदार की कार्यशैली की निंदा की जा रही है पूरी तरह से गलत है, ग्रामीणों ने विधायक विद्यावती सिदार के साहसी कार्य से बहुत ही खुश हैं… अब तक किसी ने भी हमारे ऊपर हो रहे अत्याचार का सुध नहीं लिया है, जिस तरह से आज हमारी भावनाओं को विधायक ने समझ कर सीधे प्रशासन से बात की एक बहुत बड़ी हमारे लिये आशा की किरण झलक रही है।
ग्रामीणों के द्वारा जिला कलेक्टर रायगढ़ को दिए गए शिकायत आवेदन पर अब तक नहीं हुई जांच और ना ही कार्यवाही
ग्रामीणों के द्वारा लगाए गए हाई कोर्ट में याचिका पर दो पेशी हो जाने पर भी शासन के द्वारा नहीं दे पाए कोई भी जवाब
नागरामुड़ा के ग्रामीणों से मिली पुख्ता जानकारी के अनुसार- भारत सरकार पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय नई दिल्ली के पत्र क्रमांक/एफ नं.–8–60/2009एफ.सी.दिनांक 11/07/2023 गारे पेलमा IV/I कोयला उत्खनन परियोजना के गैर वानिकी कार्य हेतु रकबा 91.179 हेक्टेयर वन भूमि व्यपवर्तन की अंतिम चरण स्वीकृति मेसर्स जिंदल पावर लिमिटेड को स्वीकृति प्रदान किया गया है। जिसमें कुल 19738 नग पेड़ों की कटाई होनी है। जिसके विरोध में ग्राम–नागरामुडा,तहसील- तमनार, जिला –रायगढ़ (छत्तीसगढ़)के ग्रामीण का आंदोलन आज लगातार 47वा दिन भी जारी है। इसके विरोध में ग्रामीणों ने मोर्चा खोल दिया है। और दिनांक 27.11.2024 से जंगल कटाई के दिन से ही इसके विरोध में ग्रामीण जंगल में अपना आंदोलन कर रहे हैं।और जंगल की रखवाली कर रहे हैं। उधर ग्रामीणों के द्वारा अनुविभागीय अधिकारी घरघोड़ा जिला कलेक्टर रायगढ़ को अपने लिखित शिकायत आवेदन में पेड़ों की कटाई बिना ग्राम सभा की सहमति की स्वीकृति की जांच और कार्यवाही करने का लिखित शिकायत आवेदन किया गया है।
परंतु अभी तक किसी भी प्रकार की कोई जांच और कार्यवाही नहीं हुई है। तो वहीं दूसरी ओर ग्रामीणों ने माननीय हाईकोर्ट बिलासपुर को याचिका दायर भी कर दिया है।जिसमें ग्रामीणों का कहना है कि दो पेशी हो जाने पर भी अभी तक शासन के द्वारा कोई जवाब प्रस्तुत नहीं किया गया है। ग्रामीणों का आरोप है कि नागरामुडा गांव भारतीय संविधान के अनुसार पांचवी अनुसूची क्षेत्र है जहां पेसा कानून भी लागू है।तो बिना ग्राम सभा सहमति के शासन के द्वारा जंगलों की कटाई की अनुमति प्रदान कैसे कर दी गई है। जिसका वे विरोध कर रहे हैं। इस विषय पर ग्राम सभा जांजगीर पंचायत जिसका आश्रित गांव नागरामुडा है उस ग्राम सभा में दिनांक 21/10/2018 को इस वन भूमि को नहीं देने का प्रस्ताव पारित किया जा चुका है। एवं आज दिनांक तक कोई भी सहमति प्रस्ताव नहीं दिया गया है।
साथ ही जनपद सदस्य टिकेश्वरी कन्हाई पटेल जो कि सभापति वन एवं नियंत्रण जनपद पंचायत तमनार के आवेदन के प्रस्ताव रखा गया जिसमें जनपद पंचायत तमनार के सामान्य सभा दिनांक 23/09/2023 में भी इस वन भूमि को नहीं देने का प्रस्ताव पारित किया जा चुका है।ग्रामीणों ने बताया कि गांव से महज 200 मीटर की दूरी पर यह सघन वन है। जहां पर लगभग 50 हजार पेड़ होंगे।जिसमें जिसमें सराई, सागौन,चार,तेंदू, मौहा, साजा, बांस एवं और कई अन्य प्रकार के पेड़ लगे हैं। जिससे इस आसपास के गांव एवं इस क्षेत्र के लिए यह शुद्ध ऑक्सीजन का केंद्र है। इस जंगल के लघुवनोपज से ग्रामीणों का जीवन यापन भी कई पीढियां से चला आ रहा है। तथा इस गांव में भारी संख्या में आदिवासी लोग भी रहते हैं।जहां जंगल में गांव के लोगों का आस्था का केंद्र भी है। जिसके कारण गांव के लोग का देवी देवताओं का स्थान भी है। ग्रामीण अपने देवी देवताओं को इन जंगलों में कई पीढियां से पूजते आ रहे हैं। इस जंगल में विभिन्न प्रकार के जानवर पाए जाने का भी दावा ग्रामीणों ने किया है। जिसमें भालू, चीता,शेर, सूअर लकड़बग्घा,जैसे अन्य जानवर हैं।
इस जंगल के कट जाने से इस क्षेत्र में शुद्ध ऑक्सीजन की कमी तो होगी ही पर्यावरण प्रदूषण बढ़ने की पूरी संभावना है। साथ ही साथ इस जंगल से जीवन यापन करने वाले लोगों का जीवन पर भी प्रभाव पड़ेगा। ग्रामीणों के कई पीढ़ियों से चले आ रहे आस्था का केंद्र भी नष्ट हो जाएगा।और यहां रहने वाले जानवर भी नष्ट हो जाएंगे। ग्रामीणों को इस बात की चिंता सता रहा कि शासन के द्वारा यदि इस जंगल को खनन करने जिंदल कंपनी को दे दिया जाता है। तो इस गांव में रहने वाले लगभग भूमिहीन 50 परिवार का जीवन भी बर्बाद हो जाएगा। क्योंकि शासन के द्वारा अभी तक पुनर्वास एवं पुनर व्यवस्थापन की कोई व्यवस्था नहीं की गई है।और फिर भी इस गांव के इतने बड़े वन क्षेत्र को कटाई करने के लिए अनुमति प्रदान कर दी गई है।इसीलिए ग्रामीणों का विरोध लगातार इस जंगल को बचाने के लिए चल रहा है।
स्टेटमेंट–केंद्र सरकार एवं छत्तीसगढ़ राज्य सरकार सहित यहां के प्रशासन के द्वारा देश के संविधान और कानून तथा ग्राम सभा को दरकिनार कर यहां की जनजीवन और पर्यावरण को नष्ट कर चंद पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए कार्य किया जा रहा है। पूरे छत्तीसगढ़ में बस्तर से लेकर सरगुजा तक और सरगुजा से लेकर रायगढ़ तक लोग अपनी जल,जंगल, जमीन और पर्यावरण को बचाने के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं–राजेश मरकाम(सामाजिक कार्यकर्ता)














