
हरेली तिहार के अवसर पर गौठानों मे पारंपरिक कार्यक्रमों का होगा आयोजन, कलेक्टर ने बैठक लेकर कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए दिए निर्देश
जशपुर 07 अगस्त 2021/कलेक्टर श्री महादेव कावरे ने आज मोबाईल एप्लिकेशन के माध्यम से जिले में पारंपरिक पर्व 08 अगस्त हरेली तिहार के अवसर पर गौठानों मे पारंपरिक कार्यक्रम आयोजित करने के संबंध मे अधिकारियों की बैठक लेकर कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिए। इस अवसर पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री के.एस.मण्डावी, सभी एसडीएम जनपद सीईओ, गोठान के नोडल अधिकारी, सरपंच सचिव, वर्चुअल रूप से जुड़े थे।
बैठक में कलेक्टर ने बताया कि हरेली के अवसर पर गौठान में विविध कार्यक्रम का आयोजन किया जाना हैं जिसके अंतर्गत पारंपरिक खेल, गेड़ी-दौड़, कुर्सी-दौड़, फुगड़ी, रस्सा-कस्सी, भौरा, नारियल फेंक, छत्तीसगढ़ी पारंपरिक व्यंजन आदि प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। पशुपालन विभाग द्वारा पशु चिकित्सा शिविर तथा गौठान में फलदार छायादार वृक्षारोपण विशेषकर कदम के पौधे रोपण किया जाएगा। इस हेतु उद्यान विभाग एवं वन विभाग से समन्वय कर पौधों की उपलब्धता सुनिष्चित करने कहा। साथ ही चिन्हांकित स्वावलंबी गोठानों में खाद निर्माण से जुड़ी महिला समूह को मुर्गी, बकरी यूनिट उपलब्ध कराया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि पूरे प्रदेष में गत वर्ष 20 जुलाई 2020 हरेली पर्व के अवसर पर ही गोधन न्याय योजना का शुभारंभ हुआ था। गौठानों में गोबर खरीदी, खाद निर्माण के साथ ही जिले की महिला स्व सहायता समूह को विभिन्न गतिविधियों से जोड़कर स्वावलंबी बनाया जा रहा है।
कलेक्टर ने बताया कि कार्यक्रम में गौठान प्रबंधन समिति, स्व सहायता समूह, स्थानीय जनप्रतिनिधियों से गौठान की गतिविधियों के संबंध में चर्चा की जाएगी। उन्होंने कहा कि खरीफ फसलों के सुरक्षा हेतु पशुओं को गौठान में नियमित रूप से लाने हेतु पशु पालकों को प्रोत्साहित किया जावे। गौठान में क्रय किये जा रहे हैं गोबर, उत्पादित जैविक खाद, सुपर कंपोस्ट, के रख रखाव एवं सुरक्षा के समुचित प्रबंधन तथा छायादार चबूतरा, तिरपाल आदि के माध्यम से बचाव के संबंध में जागरूक किया जाएगा। वर्मी कंपोस्ट, सुपर कंपोस्ट के फसल में उपयोग एवं फायदे के संबंध में कृषकों को प्रेरित किया जाएगा। इस आयोजन हेतु कलेक्टर ने स्थानीय स्तर पर मुनादी के माध्यम से प्रचार-प्रसार करने एवं कोविड-19 के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए ग्रामीणों की सहभागिता सुनिश्चित कराने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि जिले के प्रथम चरण द्वितीय चरण के साथ ही तृतीय चरण के गोठानों में कार्यक्रम का आयोजन किया जाए।