“मोर गांव मोर पानी” महाअभियान का प्रशिक्षण कार्यक्रम डोलेसारा कलस्टर में संपन्न

अशोक सारथी, आपकी आवाज न्यूज धौंराभांठा : छत्तीसगढ़ शासन के निर्देशानुसार जिले के तमनार विकासखंड अंतर्गत ग्राम डोलेसारा कलस्टर में 5जून को “मोर गांव मोर पानी” महाअभियान के तहत एकदिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य जल संरक्षण को जन-आंदोलन का रूप देना और ग्रामीणों को वर्षा जल संचयन की उन्नत तकनीकों से अवगत कराना था । 



प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ
कार्यक्रम की शुरुआत छत्तीसगढ़ महतारी की वंदना से हुई। इसके बाद ग्राम पंचायत डोलेसारा की सरपंच नन्ही राम पैंकरा ने उपस्थित जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों और ग्रामीणों का पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया। प्रशिक्षण को प्रोजेक्टर के माध्यम से प्रस्तुत किया गया, जिसमें जल संरक्षण के विभिन्न जैसे चेक डैम निर्माण, फार्म पॉन्ड, रूफ वाटर हार्वेस्टिंग, कंटूर ट्रेंचिंग और नाला उपचार के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई । 



शपथ एवं जागरूकता
सभी प्रतिभागियों ने जल संरक्षण की शपथ ली और “जल है तो कल है” के संदेश को फैलाने का संकल्प किया। इस अवसर पर कार्यक्रम अधिकारी प्रफुल्ल किंडो के मार्गदर्शन में जल संरक्षण के महत्व पर चर्चा की गई। मुख्य ट्रेनर तकनीकी श्रीमती पिंकी सुजान ने पीपीटी प्रेजेंटेशन के माध्यम से जल प्रबंधन की नवीनतम तकनीकों के बारे में बताया । 



प्रतिभागियों की सक्रिय भूमिका
प्रशिक्षण में डोलेसारा कलस्टर की सभी पंचायतों के सचिव, रोजगार सहायक और स्वयं सहायता समूह की दीदियाँ उपस्थित रहीं। इसके अलावा, जल संरक्षण से जुड़े विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने भी भाग लिया। प्रशिक्षण का मुख्य फोकस सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा देने और भू-जल स्तर में सुधार के लिए कार्य योजना बनाना था । 



विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर वृक्षारोपण एवं रैली
प्रशिक्षण के पश्चात विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में पर्यावरण जागरूकता रैली निकाली गई, जिसमें ग्रामीणों ने “पेड़ लगाए, जीवन बचाए” का संदेश दिया। इसके बाद वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें आम, नीम, अमरूद और जामुन के पौधे लगाए गए


निष्कर्ष
यह प्रशिक्षण कार्यक्रम जल संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ। छत्तीसगढ़ सरकार के “मोर गांव मोर पानी” अभियान के तहत ऐसे कार्यक्रमों से ग्रामीण क्षेत्रों में जल प्रबंधन की जागरूकता बढ़ रही है और स्थायी विकास को बल मिल रहा है ।

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