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जनजातीय सुरक्षा मंच ने क्रिसमस कार्यक्रमों पर जताई आपत्ति, सांस्कृतिक संरक्षण की मांग

कांकेर (कोण्डागांव): जनजातीय सुरक्षा मंच ने पांचवीं अनुसूचित क्षेत्र में आयोजित होने वाले क्रिसमस कार्यक्रमों को लेकर गंभीर आपत्ति जताई है। मंच ने चर्च में होने वाले कार्यक्रमों को जनजातीय संस्कृति के लिए हानिकारक बताते हुए जिला प्रशासन से इन पर रोक लगाने की मांग की है।

चर्च कार्यक्रमों पर आरोप:

मंच के प्रांतीय सहसंयोजक बलीराम नेताम और जिला टोली सदस्य पवन कुमार बद्दा ने आरोप लगाया कि चर्च संस्थाएं जनजातीय युवाओं को उनकी सांस्कृतिक जड़ों से भटकाने का प्रयास कर रही हैं। उन्होंने कहा कि इन गतिविधियों से जनजातीय समाज में विभाजन और उनकी पारंपरिक मान्यताओं का ह्रास हो रहा है।

कानूनी कार्रवाई की चेतावनी:

जनजातीय सुरक्षा मंच ने स्पष्ट किया कि यदि इन कार्यक्रमों को बंद नहीं किया गया, तो क्रिसमस कार्यक्रमों में भाग लेने वाले ‘क्रिप्टो क्रिश्चन’ और आयोजकों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। मंच ने यह भी कहा कि बिना अनुमति और शपथ पत्र के धर्म परिवर्तन कर कार्यक्रमों में भाग लेने वालों पर भी सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।

राज्यपाल के नाम ज्ञापन:

मंच ने इस संबंध में राज्यपाल को ज्ञापन सौंपकर जनजातीय संस्कृति और परंपरा की रक्षा के लिए त्वरित कदम उठाने की अपील की है। ज्ञापन में संविधान के अनुच्छेद 26 का हवाला देते हुए शांतिपूर्ण विरोध की बात कही गई है। मंच ने प्रशासन से पांचवीं अनुसूची के प्रावधानों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने का अनुरोध किया।

सांस्कृतिक सुरक्षा की मांग:

जनजातीय सुरक्षा मंच ने यह भी कहा कि क्रिसमस जैसे आयोजनों के कारण जनजातीय समाज पर सांस्कृतिक अस्मिता का खतरा मंडरा रहा है। उन्होंने जिला प्रशासन और संबंधित अधिकारियों से इस मामले में गंभीरता से विचार करने और जनजातीय समुदाय के हित में कार्य करने की मांग की है।

सांस्कृतिक विरासत की रक्षा और जनजातीय एकता के लिए जनजातीय सुरक्षा मंच के इस कदम ने क्षेत्र में बहस को जन्म दिया है।

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