खत्म नही हुई है जिला भाजपा की डर्टी पिक्चर पीड़िता ने व्हाट्स चैटिंग वायरल कर मीडिया से सच का साथ देने की अपील की…

रायगढ़। एक तरफ मी टू के आरोपो से घिरी भाजपा की जिला इकाई ने जिला भजापा कार्यालय में एक प्रेस वार्ता आयोजित कर सफाई दी। तो दूसरी तरफ बड़े पदाधिकारियों के चरित्र पर उंगली उठाने वाली पीड़ित महिला कार्यकर्ताओं ने भी मोर्चा खोल दिया।

प्रेस वार्ता को बीते 24 घण्टे भी नही हुए थे कि भाजपा से निष्कासित महिला कार्यकर्ता ने सोशल मीडिया में अपना पक्ष रख कर सनसनी फैला दी है।

आइये जाने क्या लिखा है पीड़िता ने..

*मैं मीडिया के माध्यम से यह बात स्पष्ट करना चाहती हूं कि ज्ञानेश्वर सिंह गौतम के द्वारा किए जा रहे गलत और अश्लील हरकतों की शिकायत भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णु देव साय, और प्रदेश पदाधिकारियों के पास की थी, और सारे सबूत भी दिखाएं ,और मुझे पूरी उम्मीद थी पूरा यकीन था कि भारतीय जनता पार्टी के द्वारा ज्ञानेश्वर सिंह गौतम के ऊपर कड़ी कार्यवाही की जाएगी लेकिन लेकिन पार्टी ने उनके ऊपर किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की, बल्कि उल्टा ज्ञानेश्वर सिंह गौतम ने पूरा प्लानिंग करके अपने पद से इस्तीफा दे दिया और यह कहा कि मैं आहत हूं इसलिए इस्तीफा दे रहा हूं।

वाह रे इंसान पहले तो गलती करो और उसके बाद दुनिया के सामने यह दिखाओ कि मैं शरीफ हूं मैं आहत हूं।वाह!! अच्छी चाल चली है आपने।।

चुकी भारतीय जनता पार्टी हमेशा से महिलाओं के सम्मान और इज्जत की बात करती है लेकिन यहां पिछले कई दिनों से लगातार मीडिया के माध्यम से कई लोग अपने आप को पाक साफ साबित करने की कोशिश कर रहे हैं।

भारतीय जनता पार्टी जिसे मैंने अपना परिवार समझा था और मुझे पूरा यकीन था कि वह एक महिला पदाधिकारी के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ ठोस कदम उठाएगी, लेकिन इसके विपरीत पार्टी ने मेरे खिलाफ ही निष्कासन का आदेश जारी कर दिया, यह कहां का न्याय है???

आखिर मेरी गलती क्या थी??

क्या भारतीय जनता पार्टी में न्याय व्यवस्था मर चुकी है ??

निष्कासन पत्र में कहा गया है कि मैं पार्टी की छवि को धूमिल कर रही हूं और लगातार पार्टी के खिलाफ बयान बाजी और सोशल मीडिया में पोस्ट कर रही हूं, तो मैं यह बताना चाहती हूं कि मैंने सिर्फ एक बार भारतीय जनता पार्टी के व्हाट्सएप ग्रुप में ही अपनी समस्या को रखी थी, क्योंकि जब 6 महीने पहले मैंने ज्ञानेश्वर सिंह गौतम की गंदी हरकतों की शिकायत पार्टी के आला अधिकारियों के पास की थी उसके बाद भी उसके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हुई ,और कार्यवाही नहीं होने के कारण ज्ञानेश्वर सिंह गौतम का मनोबल और भी ज्यादा बढ़ गया जिससे वह खुलकर सामने ही जब भी मिलता तो गंदी बात करता है और मुझे धमकी देता है कि यदि मेरे हिसाब से नहीं चलोगी और मैं जो गंदा काम करने बोल रहा हूं वह नहीं करोगी तो मैं तुम को पार्टी से और पद से निष्कासित कर दूंगा, इस तरह की धमकियां देना शुरू कर दिया। और पार्टी के कार्यक्रमों की सूचना भी देना बंद कर दिया। और मुझसे यह लोग कहने लगे कि राजनीति छोड़ दो। आखिर मेरे राजनीति करने से इनको क्या तकलीफ है मैं कोई विधानसभा का टिकट तो नहीं मांग रही हूं। मेरे पास इतना पैसा नहीं है कि मैं चुनाव लड़ सकती हूं।

इन सब बातों से परेशान होकर मैंने अपनी दुख अपनी पीड़ा भारतीय जनता पार्टी के व्हाट्सएप ग्रुप में मैसेज के द्वारा सिर्फ एक पोस्ट में की थी जिसको टारगेट करते हुए इन लोगों ने मेरे खिलाफ नोटिस जारी कर दिया और मुझसे जवाब मांगा गया, जवाब मे मैंने यही कहा कि मैंने सिर्फ पार्टी के व्हाट्सएप ग्रुप में ही सिर्फ एक पोस्ट मैसेज किया है.

उसके पहले और ना ही उसके बाद मैंने आज तक पार्टी के खिलाफ किसी भी सोशल मीडिया में किसी प्रकार का गलत पोस्ट नहीं किया, लेकिन मुझ पर जो इल्जाम लगा रहे है कि मैं सोशल मीडिया में लगातार पार्टी के खिलाफ पोस्ट कर रही हूं, और मुझे निष्कासित कर दिया गया यह झूठा आरोप लगाकर वे लोग क्या साबित करना चाहते हैं??

मैंने पार्टी की इज्जत को बनाए रखने के लिए और पार्टी की बदनामी ना हो इस कारणवश थाने में एफ.आई.आर कराना भी जरूरी नहीं समझा, और ना ही मीडिया वालों को अपनी तरफ से कोई भी बयान नहीं दिया, क्योंकि मैं बिल्कुल भी नहीं चाहती थी कि इससे पार्टी की छवि खराब हो। सिर्फ इसी कारण से मैं आज तक चुप रही, ताकि पार्टी की छवि कहीं भी खराब ना हो।

लेकिन मेरे चुप रहने को शायद यह लोग मेरी कमजोरी समझ बैठे हैं और इसी का फायदा उठाते हुए यह षड्यंत्रकारी लोग इलेक्ट्रॉनिक मीडिया,सोशल मीडिया प्रिंट मीडिया के माध्यम से अनाप-शनाप बयानबाजी करने लगे और चैलेंज करने लगे। यदि ये लोग पार्टी के इतने ही हितैषी होते तो इस बात को पार्टी फोरम में ही रहने देते , पार्टी के अंदर की बात मीडिया तक कभी नहीं आती और एक बात का जवाब देना चाहती हूँ, कुछ लोग मुझसे यह सवाल पूछ रहे हैं कि आखिर यदि मैं सही थी तो थाने में कंप्लेन क्यों नहीं की, तो मैं उन लोगों को बताना चाहती हूं मुझे अपने मोदी जी और योगी जी की पार्टी पर पूरा भरोसा था की मोदी जी और योगी जी के रहते मेरे साथ कभी अन्याय नहीं होगा।

और दूसरी बात ये की मेरे पास इतना पैसा नहीं कि मैं थाने में जाकर एफ.आई.आर दर्ज करवाऊं और केस लड़ सकूं।
यह दुनिया पैसे वालों की है गरीब की कौन सुनता है मैं बहुत मेहनत से पैसे कमाती हूं और अपने बच्चों को पालती हूँ, इसलिए मैं थाने और कोर्ट के चक्कर में नहीं पड़ना चाहती, क्योंकि उसमें भी बदनामी औरतों की ही होती है।
बस इसीलिए मैं थाने में शिकायत नहीं की।

लेकिन इन सब बातों से एक बात तो मुझे भी समझ में आ गई कि मेरे जैसे ईमानदार महिला की भारतीय जनता पार्टी में कोई जगह नहीं है तभी तो सारे सबूत होने के बावजूद ज्ञानेश्वर सिंह गौतम के ऊपर कोई कार्यवाही नहीं हुई और उल्टा मुझे छोटी सी बात को लेकर दोषी बना दिया गया और पार्टी से निष्कासित कर दिया गया, वाह रे भारतीय जनता पार्टी का इंसाफ , शायद भारतीय जनता पार्टी के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ होगा कि कोई महिला पदाधिकारी जिसके साथ अन्याय हुआ है जो पीड़ित है, जो कंप्लेन कर रही है पार्टी उसी पीड़ित को ही पार्टी से निष्कासित कर दे रही है।

एक बात बहुत दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि माननीय भाजपा जिला अध्यक्ष भैया उमेश अग्रवाल जी जिनके सामने अब सारी सच्चाई है वह कैसे गलत आदमी का साथ दे रहे हैं, यह बात तो मेरे समझ से परे है शायद इसी का नाम राजनीति है।

और मैं भाजपा के उन सभी पदाधिकारी और कार्यकर्ता से पूछना चाहती हूं कि इतना सब कुछ गलत होने के बाद भी वे मौन क्यों हैं?? क्या वह गलत इंसान के साथ खड़े हैं?? क्या वे गलत आदमी का साथ दे रहे हैं??

क्या किसी के अंदर सच का साथ देने की हिम्मत नहीं बची है??
मैं अपने लिए मदद नहीं मांग रही हूं मैं तो सिर्फ सच्चाई के लिए खड़े होने के लिए बोल रही हूं, क्योंकि यदि आज आप सच्चाई के साथ नहीं खड़े होंगे तो कल को कोई भी इंसान सच्चाई पर विश्वास नहीं कर पाएगा।

मैं पूरे सबूत को भी मीडिया के सामने आज रख रही हूं।

या फिर मैं यह मान लूं कि अब इस दुनिया में सच्चाई और ईमानदारी नाम की कोई चीज नहीं बची है।

और मीडिया से पुलिस वालों से और हर इंसान से यह विनती करती हूं कि सच को जिंदा रखें सच्चाई का साथ दें। और रायगढ़ एसपी साहब से भी और कलेक्टर साहब से भी यह विनती करती हूं कि यदि बिना मेरे एफ.आई.आर दर्ज करवाएं कोई कार्यवाही हो सकती है तो आप जरूर कार्यवाही करें और मेरे द्वारा मीडिया में दिए हुए इस बयान को ही मेरा आवेदन समझा जाए यह भी मैं निवेदन करती हूं। इसका पूरा सबूत भी मैं मीडिया के पास दे रही हूं।

औरतों के मान सम्मान को बचाए रखने के लिए ज्ञानेश्वर सिंह गौतम की इन गंदी हरकतों के लिए उस पर कठोर से कठोर कार्यवाही की जाए। मीडिया से भी आग्रह है कि सच्चाई का साथ दें, सच्चाई को मरने ना दिया जाए।

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