तमनार की आरक्षित सीटें सामान्य किए जाने पर ग्रामवासियों में आक्रोश, आरक्षण बहाल करने की मांग

रायगढ़, 10 जनवरी 2025 – जिला पंचायत चुनाव के आरक्षण निर्धारण में किए गए बदलाव को लेकर तमनार क्षेत्र के ग्रामवासियों में भारी आक्रोश है। जिले की जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 11 एवं 12 (पूर्व में 18 और 19, तमनार-1 और तमनार-2) की सीटें, जो अब तक अनुसूचित जनजाति (अजजा) वर्ग के लिए आरक्षित थीं, इस बार सामान्य (अनारक्षित) कर दी गई हैं।

ग्रामवासियों ने इस परिवर्तन का विरोध करते हुए कहा कि तमनार क्षेत्र 5वीं अनुसूची के अधीन अधिसूचित क्षेत्र है, जहां की 61 ग्राम पंचायतें अनुसूचित जनजाति बहुल हैं। ऐसे में इन सीटों को सामान्य करना अजजा वर्ग के राजनीतिक प्रतिनिधित्व के अधिकारों का हनन है।

ग्रामवासियों ने जताई आपत्ति, आरक्षण बहाल करने की मांग

ग्रामवासियों का कहना है कि 2010, 2015 और 2020 के पंचायत चुनावों में भी ये सीटें अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित थीं। लेकिन इस बार इन्हें सामान्य कर दिया गया, जबकि जिले के अन्य विकासखंडों में आरक्षण में कोई बदलाव नहीं किया गया।

विरोध कर रहे ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि इस फैसले को तुरंत वापस लिया जाए और पुरानी आरक्षण व्यवस्था को बहाल किया जाए। उन्होंने कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी से इस मामले में जल्द से जल्द पुनर्विचार कर संशोधित आदेश जारी करने की अपील की है।

प्रशासन पर भेदभाव का आरोप

ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि तमनार क्षेत्र को ही निशाना बनाकर सीटों के आरक्षण में बदलाव किया गया, जबकि धरमजयगढ़, लैलूंगा, खरसिया और घरघोड़ा जैसे अन्य क्षेत्रों में कोई परिवर्तन नहीं किया गया। यह निर्णय न केवल पिछड़े वर्गों के अधिकारों के खिलाफ है बल्कि संविधान द्वारा प्रदत्त 5वीं अनुसूची के प्रावधानों का भी उल्लंघन करता है।

ग्रामवासियों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो वे बड़े आंदोलन की रणनीति बनाएंगे और न्याय के लिए उच्च न्यायालय तक जाने को मजबूर होंगे।

प्रशासन का रुख स्पष्ट नहीं

इस मुद्दे पर जिला प्रशासन की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि, सूत्रों के अनुसार, ग्रामवासियों की आपत्ति पर उच्च स्तरीय समीक्षा की जा सकती है।

ग्रामवासियों का कहना है कि वे अपने संवैधानिक अधिकारों के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे और जब तक तमनार की जिला पंचायत सीटों को फिर से अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित नहीं किया जाता, उनका विरोध जारी रहेगा।

 

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