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क्या बंद हो जाएंगे ट्रकों से कोयले का परिवहन स्थानीय श्रमिक फिर से हो जाएंगे बेरोजगार

ऊर्जा संयंत्रों, कोयला खदानों पर पड़ेगी दोहरी मार, सताने लगी रोजगार छीन जाने का भय

रायगढ़ । तमनार विगत एक वर्षों वर्ष से वैश्विक महामारी कोरोना के चलते देश आर्थिक रूप से पिछड़ चुका है तथा तमाम औद्योगिक संस्थानों छोटे व मझोले व्यवसायियों श्रमिकों ठेला रेहड़ी लगाकर अपने परिवार का पालन करने वाले गरीब तबकों पर इसका बहुत बुरा असर पड़ा है और उनके लिए जीविकोपार्जन का संकट बरकरार है। रायगढ़ इससे अछूता नहीं रहा है औद्योगिक उत्पादन बंद होने से विद्युत की मांग कम हो गई थी जिसकी मार देश की ऊर्जा संयंत्रो ने भी झेला अभी भी कोयले की उच्च लागत तथा बिजली के दामों में कमी के चलते लगातार हानि उठा रहे विद्युत संयंत्रों की स्थिति पहले ही खराब है अब स्थितियां पटरी पर आ रही थी कि एनजीटी के एक फरमान ने कोल परिवहन पर आश्रित परिवारों ऊर्जा संयंत्रों कोयला खदानों की नींद उड़ा दी है।

रायगढ़ जिला कोल माइंस बाहुल क्षेत्र है तथा यहां के अधिकतर लोगों का जीवन कोयले के उत्पादन व परिवहन पर निर्भर है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी ) के एक आदेश ने कोल ट्रांसपोर्टरो,ट्रक ड्राइवरों, हेल्परों,माइंस में काम करें ठेकेदारों व श्रमिकों में चिंता की लकीरें खींच दी है क्योंकि फरवरी 2021 के बाद तमनार व घरघोडा क्षेत्र में कोल परिवहन ट्रकों के माध्यम से नही बो सकेगा जो कि आदेश अनुसार क्षेत्र के ऊर्जा संयंत्र खदानो मो पूर्णतया प्रभावित करेगा।आदेशानुसार फरवरी के बाद कॉल परिवहन या तो रेल मार्ग अथवा क्रॉस एंट्री पाइप कन्वेयर सीसीपीसी के माध्यम से ही हो सकेगा जिससे विद्युत लागत और भी बढ़ जाएगी तथा कोयले की उपलब्धता ना होने के कारण उत्पादन निचले स्तर पर आ जाएगा व खदानों में भी कोल सप्लाई का संकट रहेगा जिससे ना केवल ऊर्जा संयंत्रों व खदानों में कार्यरत लोगों की जिंदगी पर प्रभावित होगी बल्कि इनसे मिलने वाले राजस्व की हानि होगी यह एक चिंता का विषय है और यह कोयले परिवहन पर आश्रित परिवारों के लिए रोजी-रोटी पर संकट पैदा करेगा साथ ही क्षेत्र ऊर्जा संयंत्रों पूंजीपथरा, ओद्योगिक पार्क तमनार व घरघोडा क्षेत्र में स्थित छोटे बड़े उद्योगों में कोल सप्लाई को अवरोधित करेगा जिससे इन उद्योगों में तालाबंदी के जाएंगे हालात बन जाएंगे और इन इकाइयों में कार्यरत श्रमिको एवं उनके परिवारों का रोजगार छिन जाने के कारण स्थितियां भयावह होगी इसका प्रभाव पूरे जिले पर पड़ेगा व अर्थव्यवस्था निम्न स्तर पर आ जाने की आसार है।

जैसा कि समिति द्वारा प्रस्तावित किया गया है कि कोल परिवहन या सीसीपीसी के माध्यम से हो परंतु इतने कम समय में ना तो रेलवे रेल पटरियां विक्षा पायेगा और आर्थिक संकट झेल रहे उद्योग कोल कन्वेयर बेल्ट की स्थापना कर पाएंगे। ऐसे में एक सर्वमान्य विकल्प का रास्ता निकालना चाहिए ताकि क्षेत्र का विकास अवरुद्ध ना हो वह हजारों परिवारो की जिंदगियां न उजड़े तथा रेल मार्ग शीघ्रताशीघ्र स्थापित व संचालित किया जाए।

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