
वायदा निभाओं महारैली का आयोजन कर कलेक्टर के माध्यम से छः सूत्रीय मांगों का मांग पत्र मुख्यमंत्री के नाम आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाओं द्वारा सौंपा गया ज्ञापन….

जशपुर 6 जुलाई 2022 जशपुर जिला के सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाओं के द्वारा 6 जुलाई 2022 को जिला मुख्यालय जशपुर जाकर वायदा निभाओं महारैली का आयोजन कर कलेक्टर के माध्यम से छः सूत्रीय मांगों का मांग पत्र मुख्यमंत्री के नाम सौंपा गया। महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत प्रदेश के 46660 आंगनबाड़ी और 5814 आगनबाड़ी केन्द्रों में 1,04,948 आगनबाडी मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका कार्यरत है। इन्हें केन्द्र और राज्य सरकार दोनो द्वारा अपने विभाग के कार्य के अलावा अन्य विभागों द्वारा सौंपे गये कार्यों का संपादन बहुउद्देश्यीय कार्यकर्ता की तरह करना पड़ता है। नियंत्रण भी इनके ऊपर विभागीय अधिकारियों के साथ ही साथ, जिला कलेक्टर, एसडीएम सभी का रहता है एक भी अधिकारी किसी कारण वश नाराज हो गये तो खामियाजा सेवा से पृथक या मानदेय कटौती की वेदना से गुजरना पड़ता है। काम और महंगाई की अनुपात में महज स 3250 प्रतिमाह सहायिका को और 6500 रू कार्यकर्ता को मानदेय केन्द्र और राज्य सरकार दोनो से मिलाकर (सहायिका को राज्य सरकार से 1000 केन्द्र सरकार से 2250 और कार्यकर्ता का 2000रू. राज्य सरकार से 4500 रू. केन्द्र सरकार से) प्राप्त हो रहा है, जिसे जीने लायक पारिश्रमिक कदापि नहीं कहा जा सकता। सरकारें एक तरफ महिला सशक्तिकरण की बात करती है, महिलाओं के सुदृढीकरण की बात करती है लेकिन देश में 1974-75 से आईसीडीएस को स्थापित हुये 47-48 वर्ष होने के बाद भी केन्द्र सरकार ने इन महिलाओं के श्रम का मूल्यांकन मात्र 4500-2500 और छत्तीसगढ़ सरकार बनने के 20 वर्ष में 2000-1000 किया जाना महिलाओं के शोषण से कम नहीं है। केन्द्र और राज्य दोनो सरकार के कई योजना महिला, समृद्धि योजना किशोरी बालिका • योजना, कुपोषण मुक्त योजना गर्भवती माताओं शिशुओं का देखभाल के दर्जन भर विभागीय योजनाओं की 4 जिम्मेदारी के साथ ही साथ पोषण देकर जनगणना, मतदाता सूची बी.एल.ओ पल्स पोलियो, फाईलेरिया इत्यादि राष्ट्रीय कार्यक्रम की जिम्मेदारी निभाने वाली आंगनबाडी कार्यकर्ता सहायिकाएं स्वयं जिने लायक चेतन के लिये जुझ रही है। कुपोषण भगाने वाली आगनबाडी कार्यकर्ता सहायिकायें और उनके बच्चे स्वयं कुपोषित हो रही है। संघ के जशपुर जिला शाखा अध्यक्ष कविता यादव के द्वारा यह भी बताया गया कि राज्य सरकार और केन्द्र सरकार दोनो हमारे मागों के ऊपर गंभीर नहीं है। हम लगातार शासन का ध्यानाकर्षण करते जा रहे है। वर्तमान छत्तीसगढ़ सरकार से हमें कॉफी उम्मीद थी, उनका सरकार में आने से पहले प्रदेश के एक लाख आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओं से उनके द्वारा चुनावी घोषणा पत्र में वायदा किया गया था कि कांग्रेस की सरकार आयेगी तो कार्यकर्ता को नर्सरी शिक्षक का दर्जा और कलेक्टर दर पर मानदेय दिया जायेगा लेकिन वायदा अभी तक नहीं निभाया गया है। आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता सहायिका संयुक्त मंच के माध्यम से लामबंद हो चुके है और अब ज्यादा इंतजार नहीं कर सकते संघर्ष के द्वितीय चरण में आज 06/07/ 22 को प्रदेश के प्रत्येक जिला में कामबंद, वायदा निभाओं महारैली का आयोजन कर कलेक्टर महोदय के माध्यम से छः सूत्रीय मांगों का मांग पत्र माननीय मुख्यमंत्री जी के नाम सौंपा जा रहा है और आग्रह किया जा रहा है कि हमसे किये वायदे पूरा करें, जीने लायक वेतन दें। सरकार यदि मांगें पूरी नहीं करती है तो आने वाले समय में आन्दोलन और उग्र किया जायेगा, अनिश्चित कालिन हड़ताल की जायेगी। प्रदेश के आगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकायें अगस्त में कांग्रेस पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के बंगले के समक्ष नई दिल्ली हजारों की संख्या में जायेंगे। कामबंद वायदा निभाओं, महारैली और सभा को कविता यादव और दिलासो कुजूर द्वारा संबोधित किया गया।