राष्ट्रीय पशु संगणना के संबंध में कार्यशाला का हुआ आयोजन
कलेक्टर ने संगणना कार्य को गंभीरतापूर्वक करने के दिये निर्देश
गरियाबंद । देश में प्रत्येक 5 वर्ष के अंतराल में पशु संगणना कराई जाती है। वर्तमान में 21वीं पशु संगणना 15 सितंबर से 15 दिसंबर 2024 तक कराया जाना प्रस्तावित है। जिस हेतु संगणना में कर्तव्यरत होने वाले प्रगणकों, सुपरवाइजर, एवं नोडल अधिकारियों को कार्यशाला में विस्तृत प्रशिक्षण राज्य स्तरीय मास्टर ट्रेनर अतिरिक्त उपसंचालक डॉ. सुधीर पंचभाई द्वारा प्रदान किया गया।
कलेक्टर दीपक अग्रवाल ने एक दिवसीय पशु संगणना प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारंभ किया। इस अवसर पर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी रीता यादव भी उपस्थिति रही। इस अवसर पर कलेक्टर श्री अग्रवाल ने सभी प्रगणकों, सुपरवाईजरों एंव जिला नोडल अधिकारी को पूरे लगन के साथ एवं गंभीरतापूर्वक पशु संगणना के कार्य को सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। संगणना कार्य के लिए एक जिला स्तरीय एवं पांच विकासखंड स्तरीय नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। जो इस राष्ट्रव्यापी पशु संगणना के कार्य को संपादित करेंगे।
उपसंचालक पशु चिकित्सा सेवाएं ने बताया कि जिले के पांच विकासखण्डों के 673 ग्रामों (आश्रित ग्राम सहित) एवं पांच नगरीय निकायों के लिए कुल 73 प्रगणकों 17 सुपरवाइजर्स, पांच खंड स्तरीय एवं एक जिला स्तरीय नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। जो इस राष्ट्रव्यापी पशु संगणना के कार्य को संपादित करेंगे। पशु संगणना घर-घर जाकर पशुधन के विभिन्न प्रजातियों की आबादी का नस्लवार, आयुवर्गवार व्यापक आंकड़ों का संकलन किया जायेगा।
जिसके आधार पर विभाग द्वारा पशुपालकों, कृषिकों, आम जनता तथा पशुधन के कल्याण में विभिन्न योजनाओं का निर्धारण किया जाता है। इसके अतिरिक्त पशुधन के नस्ल सुधार, टीकाकरण, उपचार आदि के व्यापक कार्यक्रम तैयार किए जाते हैं । कार्यक्रम में जिले के पशु चिकित्सकों एवं विभागीय अधिकारी-कर्मचारियों सहित सभी प्रगणक एवं सुपरवाईजर उपस्थित रहे।