अन्य राज्यों कीछत्तीसगढ़न्यूज़

युवा नेता जितेश जायसवाल ने बताया ‘पढ़ाई तुंहर दुआर’ से लाखो छात्रों को मिला रहा लाभ

खरसिया । कोरोना वायरस महामारी के कारण संक्रमण से बचाव के लिए देशभर के स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए गए। छात्रों के पास केवल ऑनलाइन माध्यम से शिक्षा लेने का तरीका बचा। लेकिन किसी छात्र के पास इंटरनेट नहीं था, तो किसी के पास डिवाइस की कमी थी। खरसिया विधानसभा युवा कांग्रेसी नेता जितेश जायसवाल ने कहा कि इस कोरोना महमारी की संकट स्थिति में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल  की एक खास पहल से लाखों छात्रों की पढ़ाई का नुकसान होने से बच गया। राज्य में ‘पढ़ई तुंहर दुआर’ नाम से एक पहल शुरू की गई, जिसके चलते महामारी में भी बच्चों की पढ़ाई का प्रवाह नहीं रुका। ‘पढ़ई तुंहर दुआर’ (पढ़ाई आपके द्वार) एक ऑनलाइन क्लास योजना है, जो छात्रों के लिए लाभकारी साबित हुई है।

युवा नेता जितेश जायसवाल ने बताया कि राज्य के करीब 23 लाख छात्रों को इसका लाभ मिला है। जिन छात्रों के पास इंटरनेट नहीं था, तो उनके लिए भी सरकार ने विशेष इंतजाम किए। दूर दराज के इलाकों में रहने वाले ऐसे बच्चों के लिए पढ़ई तुंहर पारा (मोहल्ला) योजना चलाई गई। जिससे साढ़े सात लाख छात्रों को शिक्षा का अवसर प्राप्त हुआ है। राज्य में शिक्षक अहम भूमिका निभा रहे हैं। वह महामारी के इस कठिन समय में भी ऑनलाइन कक्षा से लेकर लाउडस्पीकर तक की मदद ले रहे हैं। इसके अलावा मध्यान्ह भोजन योजना भी नहीं थमी है।बेशक स्कूल बंद हैं लेकिन फिर भी इस योजना के तहत राज्य सरकार करीब 90 फीसदी बच्चों के घरों तक सूखा राशन पहुंचा रही है। सरकार ने आज की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 51 सरकारी अंग्रेजी मीडियम स्कूलों का शुभारंभ किया है। साथ ही स्कूल शिक्षा विभाग में शिक्षक भर्ती को लेकर भी बड़ा फैसला लिया गया है। मुख्यमंत्री बघेल के निर्देशों पर ही स्कूल शिक्षा विभाग ने 14 हजार 580 पदों पर भर्ती से संबंधित आदेश दिए हैं। इसके अलावा राज्य में 595 प्रोफेसरों की भी सीधी भर्ती होने जा रही है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button