अदानी के जरिए मोदी को घेरने की कोशिश,लेकिन परसा कोल ब्लॉक पर कांग्रेस के तेवर नर्म

छत्तीसगढ़ – रईस अहमद की रिपोर्ट
राहुल गांधी की संसद में सदस्यता रद्द होने के बाद से ही कांग्रेस बौखलाई हुई है और गौतम अडानी के जरिए कांग्रेस लगातार देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरने की कोशिश कर रही है। अडानी इंटरप्राइजेज पर राहुल गांधी ने लोकसभा सदन में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था और पूछा था कि गौतम अडानी से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के क्या रिश्ता है।लेकिन कांग्रेस पार्टी को बड़ा झटका उस वक्त लगा जब राहुल गांधी के 4 साल पहले दिए गए एक बयान पर कोर्ट ने उन्हें 2 साल की सजा सुना दी जिसके बाद शुक्रवार को राहुल गांधी की सदस्यता रद्द कर दी गई।

अदानी का छत्तीसगढ़ राज्य में 25000 करोड़ का इन्वेस्टमेंट – जिस अदानी का छत्तीसगढ़ कांग्रेस लगातार विरोध कर रही है और उस पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा रही है उसी अडानी की कंपनी अदानी इंटरप्राइजेस ने 2015 मे छत्तीसगढ़ सरकार के साथ एक समझौता कर दो परियोजनाओं के लिए लगभग 25200 करोड रुपए छत्तीसगढ़ में इन्वेस्ट किए। दोनो परियोजनाओं में एक कोल टू पॉली-जेनरेशन (CTP) परियोजना और एक राइस ब्रान सॉल्वेंट एक्सट्रैक्शन प्लांट (राजनांदगाव) और रिफाइनरी शामिल हैं और दोनों परियोजनाओं से राज्य में लगभग 5500 से अधिक लोगों को रोजगार मिला है ऐसी संभावना बताई जा रही है।

विरोध के बाद भी अदानी का छत्तीसगढ़ में बढ़ रहा कारोबार – ये अलग बात है कि 2015 में छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार थी लेकिन 2019 मे छत्तीसगढ़ मे कांग्रेस की सरकार आने के बाद अदानी ग्रुप को कोई नुकसान नहीं हुआ बल्कि फायदा ही हुआ है।जानकारी के मुताबिक अडानी ग्रुप के पास वर्तमान मे लगभग 9 कोल माइंस है जिसमे राजस्थान सरकार द्वारा लिए गए कोल माइंस का संचालन भी अडानी ग्रुप ही कर रहा है। 3 पावर प्लांट भी छत्तीसगढ़ में अडानी ग्रुप ने लगाए हैं। तीन सीमेंट फैक्ट्री भी अदानी ग्रुप की छत्तीसगढ़ मे संचालित हो रही है। इसके अलावा एक आयरन और बैलाडीला-13, दंतेवाड़ा खदान भी अडानी के पास है।

परसा कोल ब्लॉक विवाद और अदानी – राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम को आवंटित हुए परसा ईस्ट केते बासेन कोयला खदान में 2013 से खनन जारी है और 2019 में उसका दूसरे फेज का प्रस्ताव भी आया था। जिसमें परियोजना के लिए 348 हेक्टेयर राजस्व भूमि, 1138 हेक्टेयर वन भूमि के अधिग्रहण सहित करीब 4 हजार आबादी वाले पूरे घाटबर्रा गांव को विस्थापित करने का प्रस्ताव है। इन इलाकों में इन खदान को बनाने के लिए जंगल भी काटे जा रहे हैं,और जानकार बताते हैं कि हाथी रिजर्व इलाके के क्षेत्रफल को कम कर दिया गया है।जिसका ग्रामीण लगातार विरोध कर रहे हैं।

फर्जी ग्राम सभा का आरोप और जारी पेड़ों की कटाई – घाट बर्रा परसा कोल ब्लॉक पर ग्रामीणों ने फर्जी तरीके से ग्राम सभा प्रस्ताव का आरोप लगाया है और गांवों के लोग 300 किमी पैदल चलकर राजभवन तक शिकायत कर चुके हैं कि उनकी ग्राम सभा ने खदान के समर्थन में कोई प्रस्ताव पारित ही नहीं किया है व ग्राम सभा प्रस्ताव फर्जी है। लेकिन लगातार विरोध होने के बाद भी घाटबर्रा परसा कोल ब्लॉक में सैकड़ो की संख्या में पेड़ों की कटाई जारी है जिसका विरोध ग्रामीण लगातार कर रहे हैं। और पत्रकारों को भी प्रशासन न्यूज़ कवरेज करने से रोक रही है।

2015 राहुल गांधी ने हसदेव में आदिवासियों की सुरक्षा का किया था वादा – 2015 में हसदेव के मदनपुर गाँव में सभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने आदिवाशियों की सुरक्षा का वादा किया था। जिस पर भूपेश बघेल सरकार ने परसा कोल माइंस में फेज 2 के खनन को अंतिम स्वीकृति देकर पलिता लगा दिया।

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