
कारोबार करना आसान बनाने को 12 अपराध गैर-आपराधिक घोषित होंगे, LLP Act में संशोधन को कैबिनेट ने दी मंजूरी
नई दिल्ली. केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक (Cabinet Meeting) में सीमित जवाबदेही भागीदारी कानून (LLP Act) में संशोधन को मंजूरी दे दी गई है. इसका मकसद कानून के तहत विभिन्न प्रावधानों को आपराधिक श्रेणी से अलग (Decriminalised) करना है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कहा कि इससे देश में कारोबार करना और ज्यादा आसान (Ease to Business) हो जाएगा. संशोधन के तहत जिन बदलावों का प्रस्ताव किया गया है, उसमें कानून के प्रावधानों का अनुपालन नहीं करने पर उसे आपराधिक कार्रवाई से बाहर रखना शामिल है.
कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय (Ministry of Corporate Affairs) की भी जिम्मेदारी संभाल रहीं निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस मंजूरी से अधिनियम में दंडात्मक प्रावधानों की संख्या घटकर 22 रह जाएगी. वहीं, सुलह के जरिये मामलों को निपटाने वाले अपराधों (Compoundable Offences) की संख्या केवल 7 रह जाएगी. साथ ही गंभीर अपराधों (Serious Crimes) की संख्या 3 होगी और इन-हाउस एडजुडिकेशन व्यवस्था (IM) यानी केंद्र सरकार की ओर से नियुक्त निर्णायक अधिकारी के आदेश के मुताबिक निपटाई जाने वाली चूक की संख्या 12 रह जाएंगी.
एलएलपी कानून में पहली बार किया जा रहा है संशोधन’
इन-हाउस एडजुडिकेशन व्यवस्था के तहत मामले की सुनवाई करने वाले अधिकारी को जुर्माना (Penalty) लेकर मामले का निपटारा करने का अधिकार होता है. बता दें कि एलएलपी कानून में 81 धाराएं और चार अनुसूची हैं. संशोधन को मंजूरी के बाद 12 अपराध गैर-आपराधिक घोषित हो जाएंगे. वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि एलएलपी कानून में पहली बार संशोधन किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि लिमिटेड लाइबिलिटी पार्टनरशिप एक्ट स्टार्ट-अप्स (Start-Ups) के बीच काफी लोकप्रिय हो रहा है. बदलावों से देश में कारोबार की सुगमता में इजाफा होगा