
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ कृषि प्रधान राज्य है. राज्य को धान का कटोरा भी कहा जाता है लेकिन राज्य के कई इलाके अविद्युतीकृत क्षेत्रों में आते है. जहां बिजली की पहुंच नहीं होती या बिजली की पहुंच तो होती है लेकिन सिंचाई के लिए पर्याप्त बिजली नहीं मिल पाती है. ऐसे में सौर सुजला योजना से वनांचल और दुरस्त इलाकों में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है. इसके लिए किसान काफी रियायती दर पर ही सोलर पम्प स्थापित करवा सकते हैं.
क्रेडा द्वारा संचालित सौर सुजला योजना
दरअसल छत्तीसगढ़ में कृषि भूमि की सिंचाई क्षमता में वृद्धि और अविद्युतीकृत क्षेत्रों में कृषि का सिंचित रकबा बढ़ाने के लिए छत्तीसगढ़ क्रेडा द्वारा संचालित सौर सुजला योजना के किसानों की भूमि में सिंचाई के लिए दो, तीन और पांच हॉर्स-पॉवर क्षमता के सोलर पम्प स्थापित किए जा रहे हैं. इस योजना के माध्यम से लगाए गए सोलर सिंचाई पम्प से अब तक राज्य के एक लाख से अधिक किसानों को एक लाख 20 हजार हेक्टेयर में सिंचाई सुविधा मिल चुकी है.
3 तरह के सोलर पंप का होता है वितरण
सौर सुजला योजना के तहत लाभार्थियों को 3 तरह के सोलर पंप वितरित किये जाते हैं. इन सोलर पम्पों की क्षमता अलग अलग होती है. इनमें से पहला सोलर पंप 2 HP का होता है. सब्जियों के खेत में इस तरह के पंप लगाए जाते है. दूसरा 3HP का है. यह छोटे पैमाने के खेती करने वाले किसानों के लिए है और तीसरा सोलर पंप 5HP का है जिसकी क्षमता अधिक है और यह ज्यादा पानी को पंप कर सकता है. यह धान के किसानों के लिए काफी मददगार साबित होता है.
खर्च करने पड़ते लाखों रुपए
बाजार में 5HP सोलर पंप की कीमत 3 लाख रुपए से अधिक है. 3 HP सोलर पंप स्थापित करने के लिए ढाई लाख रुपए है और 2 HP के सोलर पम्प के लिए एक लाख 25 हजार रुपए के आस पास खर्च करने पड़ते है. छत्तीसगढ़ सौर सुजला योजना के तहत ये सोलर पंप किसानों को रियायती दरों पर उपलब्ध कराई जा रही है. इस योजना का लाभ किसानों को वर्गवार रियायत दी जाती है