
कुंजारा में शासकीय भूमि पर अवैध कॉलेज निर्माण: प्रशासन मौन, भू-माफिया बेलगाम
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लैलूंगा (रायगढ़), 23 जून 2025 —
लैलूंगा विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत कुंजारा में शासकीय भूमि पर अवैध कब्ज़े का एक और चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां राजस्व रिकॉर्ड में ‘बड़े झाड़-जंगल मद’ के तहत दर्ज भूमि पर एक स्थायी निजी कॉलेज और कोचिंग सेंटर का निर्माण कर लिया गया है।
राजस्व रिकॉर्ड में जंगल, जमीन पर कॉलेज!
खसरा नंबर 243/1 की कुल 4.327 हेक्टेयर भूमि में से लगभग 0.202 हेक्टेयर पर यह अवैध निर्माण किया गया है। सूत्रों के अनुसार, इस निर्माण के पीछे आशीष कुमार सिदार (निवासी लैलूंगा), नामक व्यक्ति का हाथ है, जो पहले हलवाई था और अब खुद को ‘शिक्षाविद्’ के रूप में प्रस्तुत करता है।
शिक्षा की आड़ में कब्ज़ा
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि शिक्षा के नाम पर यह व्यवसायिक गतिविधि खुलेआम सरकारी ज़मीन पर की जा रही है, वह भी हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी के पास स्थित उद्यान मार्ग पर, प्रशासन की पूरी जानकारी के बावजूद।
कानून के खुले उल्लंघन का मामला
विशेषज्ञों के अनुसार, यह निर्माण छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता की धाराओं 188, 251 और 257 का स्पष्ट उल्लंघन है। जंगल मद की भूमि पर किसी भी प्रकार का निजी निर्माण पूर्णतः अवैध है।
प्रशासन की चुप्पी पर सवाल
इस अवैध कब्ज़े की जानकारी पटवारी से लेकर तहसीलदार तक को है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। ग्रामीणों में भारी रोष व्याप्त है, जिन्होंने दोहराया कि यदि गरीब झोपड़ी डालता है तो प्रशासन तुरंत एक्शन में आता है, लेकिन रसूखदारों पर चुप्पी साध ली जाती है।
तहसीलदार का बयान
तहसीलदार शिवम पांडे ने बताया: “शिकायत प्राप्त हुई है, जिसकी जांच की जा रही है। जांच उपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।”
जनता की चेतावनी: नहीं रुकी मनमानी, तो होगा आंदोलन
स्थानीय समाजसेवी संगठनों और ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर प्रशासन ने शीघ्र इस अवैध निर्माण को नहीं हटाया, तो वे जनांदोलन शुरू करेंगे।
विश्लेषण: कुंजारा बनता जा रहा है अतिक्रमण का गढ़
इस पूरे मामले से स्पष्ट होता है कि सरकारी जमीनों पर भू-माफिया का कब्जा अब गांवों तक पहुंच चुका है, और स्थानीय प्रशासन की निष्क्रियता इसे बढ़ावा दे रही है। यदि समय रहते सख्त कार्रवाई नहीं की गई, तो यह प्रवृत्ति शासन व्यवस्था को खोखला कर देगी।