
केंद्र सरकार के समान महंगाई भत्ता की मांग राज्य के अधिकारी-कर्मचारी कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ में महंगाई भत्ता केंद्र से 17 फीसदी पीछे है। लंबित 17 फीसदी डीए की मांग को लेकर राज्य मंत्रालयीन कर्मचारी संघ द्वारा (महानदी भवन) में 13 अप्रैल को तालाबंदी का निर्णय लिया गया था, लेकिन मुख्य सचिव से चर्चा के बाद सामूहिक छुट्टी का फैसला टाल दिया गया है। महंगाई भत्ते पर फैसला एक सप्ताह बाद होगी, जिससे कर्मचारियों को अच्छी खबर की उम्मीद है।
छत्तीसगढ़ मंत्रालयीन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष महेंद्र सिंह राजपूत ने बताया कि छत्तीसगढ़ महंगाई भत्ता के मामले में 17 फीसदी पीछे है। जबकि केंद्रीय कर्मचारियों को 34 फीसदी महंगाई भत्ता मिल रहा है। छत्तीसगढ़ के अधिकारी-कर्मचारियों को केवल 17 फीसदी महंगाई भत्ता मिल रहा है, जिससे घोर निराशा है। 1200 आवेदनों के साथ मुख्य सचिव अमिताभ जैन, सचिव डीडी सिंह को सामूहिक अवकाश से अवगत कराया गया था। मंगलवार को प्रतिनिधिमंडल की बैठक में सकारात्मक चर्चा हुई है और सप्ताहभर में फैसला लेने की बात कही गई है, जिसके बाद हड़ताल स्थगित किया गया है। उन्होंने सीएम भूपेश बघेल व मुख्य सचिव से आग्रह किया कि केंद्र के समान महंगाई भत्ता का आदेश तत्काल जारी कर न्याय किया जाए।
महंगाई भत्ते से वंचित रखना उचित नहीं
संघ के अध्यक्ष महेंद्र सिंह राजपूत ने कहा कि महंगाई बढ़ गई है। पेट्रोल-डीजल के दाम सहित अन्य अत्यावश्यक वस्तुओं के दाम आसमान छू रहे हैं। ऐसी स्थिति में कर्मचारियों को महंगाई भत्ते के हक से वंचित रखना उचित नहीं है। 6 वर्षों से गृहभाड़ा भत्ते का पुनरीक्षण नहीं होने से कर्मचारियों में आक्रोश है। संघ द्वारा केंद्र के समान महंगाई भत्ता एवं सातवें वेतनमान के अनुसार गृहभाड़ा भत्ता प्रदान करने, मंत्रालय सेटअप में वृद्धि करने, केंद्रीय सचिवालय के समान छग सचिवालय के सहायकों के पदनाम परिवर्तन कर वेतन संशोधन करने और मंत्रालय (सचिवालय) भत्ता में बढ़ोतरी की मांग की गई है।
7 और 11 मार्च को भी किया था प्रदर्शन
महंगाई भत्ता और गृह भाड़ा को लेकर राज्य के अधिकारी-कर्मचारियों ने 7 मार्च को जिला मुख्यालय और 11 मार्च को विधानसभा घेराव की कोशिश की थी। कर्मचारियों के इस विरोध-प्रदर्शन के बाद भी डीए का आदेश जारी नहीं हुआ था। इससे आक्रोशित कर्मचारियों ने 13 अप्रैल को सामूहिक अवकाश लेकर तालाबंदी का निर्णय लिया था। मुख्य सचिव अमिताभ जैन से मंगलवार को हुई चर्चा के बाद संघ ने सामूहिक अवकाश स्थगित कर दिया।
छत्तीसगढ़ में महंगाई भत्ता 2 वर्ष से लंबित
छत्तीसगढ़ में जनवरी 2020 से लंबित 4% मंहगाई भत्ता, जुलाई 2020 से लंबित 3%, जनवरी 2021 से लंबित 4%, जुलाई 2021 से 3% मंहगाई भत्ता एवं जनवरी 2022 से 3% मंहगाई भत्ता को मिलाकर कुल लंबित 17% मंहगाई भत्ता का आदेश जारी करने की मांग कर्मचारी कर रहे हैं। संघ का कहना है कि कर्मचारियों के लिए महंगाई से राहत पाने का एक ही साधन होता है महंगाई भत्ता। वर्तमान में महंगाई चरम की ओर है, लेकिन कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 2 वर्ष से लंबित है। ऐसे में महंगाई की मार छत्तीसगढ़ सरकारी सेवकों पर भारी पड़ रही है।