छत्तीसगढ़

 कोटवार ने शासकीय जमीन का दुरूपयोग कर बना लिया पत्थर खदान व डबरी

 

कोटवार की जमीन का मौका जांच में 4 एकड़ 25 डिसमिल जमीन पाया गया पड़त भूमि
      
बलौदाबाजार,
फागुलाल रात्रे, लवन।
छत्तीसगढ़ सरकार की योजना अनुरूप जो किसान खेती कर धान की फसल लिए है, उन किसानों का हल्का पटवारी के माध्यम से गिरदावरी का कार्य कराकर वास्तविक रकबा के हिसाब से भौतिक सत्यापन कर पंजीयन किया जाना था। लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार की इस प्रमुख योजना को कुछ पटवारी विफल बनाने से भी नहीं चूक रहे है। प्रदेश सरकार की मंशा थी कि जिन किसानों का रकबा कम हो गया है, ऐसे किसानों के लिए त्रुटिपूर्ण सुधार के लिए आवेदन लिए गए थे किंतु उन किसानों का अभी तक संसोधन नहीं हो पाया है। वही एक तरफ किसान अपनी खुन पसीने की कमाई को बेचने के लिए दर-दर की ठोकरे खा रहा है तो दूसरी ओर कुछ रसुखदार पटवारी से सांठ-गांठकर पड़ती भूमि का भी पंजीयन करा लिया है। ताजा मामला ग्राम पंचायत चितावर का है, जहां ग्राम कोटवार चितराम पिता जगन्नाथ के द्वारा शासन से मिले हुए सरकारी घास भूमि का भी पंजीयन करा लिया गया है। कोटवार चितराम द्वारा पड़ती भूमि का पंजीयन करा लेने के संबंध में जानकारी होने पर नारायण पटेल व ग्रामवासियों के द्वारा 17 दिसम्बर 2020 को कलेक्टर व अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) के पास शिकायत दर्ज किये थे। शिकायत के आधार पर दैनिक समाचार पत्रों में उक्त मामले को लेकर प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किया गया था। समाचार प्रकाशन के अगले दिन नायब तहसीलदार प्रियंका बंजारा के आदेश पर आर.आई, हल्का पटवारी की टीम बनाकर जांच के लिए भेंजे थे। जहां पर हल्का पटवारी व राजस्व निरीक्षक द्वारा पटवारी अभिलेख एवं नक्शे के आधार पर मौके का निरीक्षण किया गया। ग्राम कोटवार चितराम के निजी खाते में दर्ज खसरा नं. 234 रकबा 0.364 हे. पर धनहा पाया गया तथा ख.नं. 273 एवं 275 रकबा क्रमशः 0.089 हे. एवं 0.547 हे. पड़ती भूमि पाया गयां सेवा भूमि में दर्ज खसरा नं. 423/4 रकबा 0.607 हे पर धान बोना पाया गया तथा 35/4 रकबा 2.238 हे. में त्रुटिपूर्ण बटांकन पाया गया। जिसमें डबरी, खदान एवं खेत शामिल है। कोटवार को दिए हुए कुल जमीन में से 4 एकड़ 25 डिसमिल पड़त भूमि तथा 5 एकड़ 25 डिसमिल में धान बोना पाया गया। मौका निरीक्षण में पाया गया कि कोटवार चितराम गाड़ा शासन से मिली हुई भूमि का दुरूपयोग कर पत्थर खदान व तालाब बना दिया है।
हल्का पटवारी 37 तुलसी राम बर्मन का कहना है कि शासन के निर्देश के आधार पर पुराने पंजीकृत किसानों का रकबा में बदलाव नहीं करना है, पिछले वर्ष के हिसाब से कोटवार चितराम का पंजीयन यथावत रखी गई है। वही यदि शासन के निर्देश के आधार पर रकबा को यथावत रखने की बात पटवारी कह रहे है तो ग्राम चितावर के अन्य सैकड़ों किसानों का रकबा आखिर किस आधार पर काटा गया है। गिरदावरी की नियमों की बात की जाये तो पहले पटवारी द्वारा रकबा का भौतिक सत्यापन कर जांच रिपोर्ट केन्द्र में देना था। वही यदि पटवारी गिरदावरी का कार्य किया है तो कोटवार की पत्थर खदान की जमीन को क्यों कास्तकारी बता दिया। यहां स्पष्ट है कि ग्राम कोटवार हल्का पटवारी से मिली भगत कर पड़ती भूमि का भी पंजीयन करा लिया है। लेकिन उसी गांव से सैकड़ों ऐसे किसान है जिनका रकबा कटने की वजह से अपना धान समर्थन मूल्य में नहीं बेच पा रहे है, किसान अपना कर्ज चुकाने को लेकर चिन्ता में डुब गए है।
नायब तहसीलदार के आदेशानुसार ग्राम चितावर में निरीक्षण कर शिकायत की जांच की गई। जिसकी रिपोर्ट संबंधित न्यायालय में जमा कर दिया गया है। 
राजेश चंदेल, राजस्व निरीक्षक 
उप तहसील परिक्षेत्र लवन

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