
कोरोना को ‘मज़ाक’ समझने वाले हो जाएं सावधान, मरने से पहले इस शख्स ने लाइव जाकर बताई सच्चाई
देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर में लोग त्राहिमाम कर उठे हैं, हर जगह से मन को विचलित कर देने वाली तस्वीरें सामने आ रहीं हैं, कहीं अस्पतालों के सामने एम्बुलेंस में इलाज कराते लोग हैं, तो कहीं श्मशान घाटों में धू-धू करती चिताएं। कहीं दवाइयों के लिए दर-दर भटकते लोग नज़र आ रहे हैं तो कहीं अपने स्वजनों को खोने पर बिलखता परिवार दिखाई दे रहा है। लेकिन इन सबके बाद भी कई ऐसे लोग हैं, जो आज भी देश में लगभग 2 लाख लोगों की जिंदगियां निगल लेने वाली इस बीमारी को हंसी-खेल समझ रहे हैं या फिर इसे घोटाला या स्कैम साबित करने के लिए तरह-तरह के तर्क दे रहे हैं। यही वो लोग हैं जो न मास्क लगा रहे हैं और न ही कोरोना गाइडलाइन्स के किसी अन्य नियमों का पालन कर रहे हैं। यह लोग खुद के साथ ही अपने परिवार और समाज के दूसरे लोगों के जीवन को भी खतरे में डाल रहे हैं। ऐसे लोगों के लिए ही वाराणसी में ‘रोटी बैंक’ चलाने वाले किशोर कांत तिवारी बड़ी सीख