
कोलता समाज को अब कांग्रेस से ही उम्मीद या फिर?
रायगढ़। कोलता समाज के द्वारा भाजपा और कांग्रेस के दोनो ही पाटियो की तरफ से रायगढ़ विधानसभा चुनाव में इस बार कोलता समाज से प्रत्याशी की मांग की थी भारतीय जनता पार्टी की तरफ से रायगढ़ विधानसभा में एक से बढ़कर एक कोलता समाज के के तरफ से प्रत्याशियो के लिए दावेदारी किया था लेकिन भाजपा ने उनके अरमानों पर पानी फेरते हुए खरसिया विधानसभा से हारे हुए और खरसिया विधानसभा के ओपी चौधरी को रायगढ़ विधानसभा में प्रत्याशी बनाया है जो की पार्टी का अपना अंदरूनी मामला है भाजपा के आला नेताओं के इस निर्णय से राजनीति को जानने समझने वाले सभी लोगों को अचंभित किया है।
वही बात करें कांग्रेस की तो आज कांग्रेस के तरफ से पहली सूची 30 प्रत्याशियों की जारी की गई जिसमें एक से एक धाकड़ नेता का नाम सूची में शामिल किया गया जो अपने आप में और अपने नाम पर जीत हासिल करने की मादा रखते हैं भाजपा की तरह कोलता समाज ने भी कांग्रेस से इस बार रायगढ़ विधान सभा चुनाव के लिए कोलता समाज की तरफ से एक नाम संगीता गुप्ता जो की महिला है उन पर सहमति बनी और कांग्रेस को कोलता समाज की तरफ से प्रत्याशी बनाने की बात कही गई थी लेकिन कांग्रेस की तरफ से रायगढ़ विधानसभा लैलूंगा विधानसभा के प्रत्याशियो की घोषणा नहीं की गई है जोकि कोलता समाज पूरी तरह से बदलती राजनीति फिजा पर नजर बनाए हुए हैं।
काग्रेस से प्रत्याशी नहीं बनाया गया तो: सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार भाजपा से नाराज कोलता समाज कांग्रेस की तरफ नजर बनाकर रखा हुए है अगर कांग्रेस के तरफ से भी कोलता समाज की तरफ से प्रत्याशी नहीं बनाया जाता है तो कोलता समाज आपसी सहमति कर निर्दलीय प्रत्याशी मैदान में उतर सकता है जिसको लेकर कोलता समाज की मैराथन बैठ प्रारंभ हो गई है और समाज के लोगों को एकजुट होने की अपील की जा रही है तो अगर ऐसा हुआ तो रायगढ़ विधानसभा के राजनीति में भूचाल आना संभव है।
क्या है कोलता समाज का इतिहास : सूत्रों की माने तो रायगढ़ विधानसभा में कोलता समाज की वोटरों की कुल सख्या लगभग 45 से 50 हजार की संख्या बताई जा रही है वहीं जिले की बात की जाए तो कुल वोटरों की संख्या 90से 95हजार के आसपास है जो कि रायगढ़ विधानसभा में किसी भी समाज की सख्या से सबसे ज्यादा संख्या कोलता समाज की है।
बात करे वोट की तो जानकार बताते हैं कि चुनाव में कोलता समाज की तरफ से भाजपा की तरफ 70% झुकाव रहता है तो वहीं कांग्रेस की तरफ मात्र 30 प्रतिशत झुकाव रहता है कोलता समाज के प्रत्याशियों को टिकट नहीं देना कहीं ना कहीं भाजपा के लिए भारी का नजर आ रहा है क्योंकि आंकड़े की भी बात की जाए तो भाजपा का सबसे बड़ा वोटर संख्या कोलता समाज की है उसके अलावा दूसरा वोटरों की संख्या मारवाड़ी समाज की आती है उसके बाद अन्य समाज का तालमेल रहता है जो दोनों ही समाज फिलहाल भाजपा से नाराज चल रहे हैं देखने वाली बात यह होगी कि वर्तमान भाजपा के प्रत्याशी ओपी चौधरी कोलता समाज और मारवाड़ी समाज को अपने पक्ष में कैसे लाते हैं अगर ऐसा नहीं हुआ तो भाजपा की हार रायगढ़ विधानसभा में निश्चित है क्योंकि कोलता समाज से ज्यादा कांग्रेस को फर्क नहीं पड़ने वाला और भाजपा से नाराज बोलना समाज निर्दलीय या फिर कांग्रेस की तरफ अपना रुख करेंगे।
देखने वाली बात यह होगी कि कांग्रेस के भावी प्रत्याशी या फिर भाजपा के तरफ से ओपी चौधरी समाज पर कितना प्रभाव अपने पक्ष में बना सकते हैं या कोलता समाज की नाराजगी दोनों ही प्रमुख पार्टियों की झेलनी पड़ेगी