क्या रूस-यूक्रेन में सुलह करा पाएगा भारत ? PM मोदी का रहेगा अहम रोल

नई दिल्ली: पूरे विश्व में शांति कायम करने के लिहाज से यह सप्ताह बेहद अहम साबित होने वाला है। इसमें भारत की भूमिका भी काफी महत्वपूर्ण रहने वाली है। दरअसल रूस-यूक्रेन की बीच एक माह से भी अधिक समय से चल रहे युद्ध को विराम देने का फॉर्मूला भारत में बनाने की तैयारी चल रही है। रूस के विदेश मंत्री सेर्गेई लावरोव का अचानक भारत दौरा इसी दिशा में बड़ा कदम है। लावरोव इसी सप्ताह दिल्ली आएंगे, मगर दिन तय नहीं है।

रूसी विदेश मंत्री से बात करने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोल्दीमिर जेलेंस्की के साथ चर्चा करेंगे। इससे रूस-यूक्रेन के बीच शांति की राह निकलने की संभावना जताई जा रही है। भारत अंतरराष्ट्रीय मंच पर लगातार संघर्ष विराम की कोशिश कर रहा है। इसके लिए संयुक्त राष्ट्र (UN) में एक ही दिन में दो प्रस्तावों पर मतदान में भारत ने हिस्सा नहीं लिया था। एक प्रस्ताव यूक्रेन के पक्ष में था, जबकि दूसरा रूस के समर्थन में था।

बता दें कि शांति के फॉर्मूले पर विस्तृत बातचीत रूस-यूक्रेन के बीच भी चल रही है। भारत और इजरायल की भूमिका मतभेद के महत्वपूर्ण पहलुओं को सुलझाने की है। 25 मार्च को अमेरिका की विदेश उपसचिव विक्टोरिया नुलैंड भी इसी उद्देश्य से भारत आई थीं।

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