चिटफंड की 10 करोड़ की संपत्ति खरीदकर फंस गए खरीदार और निवेशक, ट्रिब्यूनल ने कलेक्टर को भेजा नोटिस

चिटफंड कंपनी की 10 करोड़ 30 लाख रुपये में नीलाम करने के बाद इसकी बोली लगाकर खरीदने वाले खरीदार और निवेशक दोनों ही फंस हैं।

रायपुर।। चिटफंड कंपनी एचबीएन डेयरीज एंड अलाइड कंपनी की 10 करोड़ 30 लाख रुपये में नीलाम करने के बाद अब इसकी बोली लगाकर खरीदने वाले खरीदार और निवेशक दोनों ही फंस गए हैं। हालात ऐसे हैं कि उक्त कंपनी की संपत्ति की नीलामी के खिलाफ लगाई गई याचिका पर नेशनल कंपनी ला ट्रिब्यूनल नई दिल्ली ने जमीन की रजिस्ट्री पर रोक लगा दी है। साथ ही इस नीलामी को लेकर तहसीलदार और जिला कलेक्टर को कारण बताओ नोटिस जारी कर सप्ताहभर के अंदर जवाब भी मांगा है, लेकिन इस मामले में 15 दिन से ज्यादा का समय बीतने के बाद भी अब तक किसी ने जवाब नहीं दिया है। इसकी वजह से न तो निवेशकों को इसकी राशि ही मिल पा रही है और न ही खरीदार को उसकी जमीन का मालिकाना हक ही मिल पा रहा है, क्योंकि इसकी रजिस्ट्री पर ही रोक लगा दी गई है।

एचबीएन डेयरीज कंपनी की रायपुरा स्थित पौने दो एकड़ जमीन की नीलामी 19 अक्टूबर, 2022 को रायपुर तहसील में की गई थी। जमीन की नीलामी 10 करोड़ 30 लाख रुपये में की गई। उक्त जमीन की नीलामी के बाद वीरामन बिल्डकान एंड डेवलपर्स प्रालि कंपनी ने इस नीलामी के खिलाफ नेशनल कंपनी ला ट्रिब्यूनल नई दिल्ली में याचिका लगाई है।

कंपनी की राशि भी फंसी

याचिकाकर्ता की अर्जी के अनुसार एचबीएन डेयरीज कंपनी की जिस जमीन की नीलामी की गई है, उसमें वीरामन कंपनी की भी बड़ी रकम फंसी हुई है, लेकिन उक्त जमीन को जिला प्रशासन और तहसीलदार बिना उन्हें सूचना दिए नीलाम कर दी है। उन्होंने अपनी अर्जी के जरिए नीलामी को निरस्त करने की मांग की है।

27.60 लाख अधिक कीमत में बिकी जमीन

रायपुर तहसील कार्यालय में अतिरिक्त तहसीलदार ज्योति सिंह और तहसीलदार मनीष देव साहू की मौजूदगी में उक्त संपत्ति की नीलामी की गई। नीलामी में पांच कारोबारी शामिल हुए। जहां जमीन की सरकारी कीमत 10 करोड़ 2 लाख 40 हजार तय की गई थी, लेकिन नीलामी में जमीन 10 करोड़ 30 लाख रुपये में इसकी बिक्री की गई है।

10 प्रतिशत राशि ही प्रशासन को मिली

नीलामी के दौरान रायपुर के ही नितिन अग्रवाल ने दूसरी बोली में ही इसे खरीद लिया। नीलामी की कुल राशि में 10 प्रतिशत राशि उसके द्वारा जमा भी की गई है, जबकी शेष राशि एक माह के भीतर जमा करना था, लेकिन इससे पहले ही जमीन की नीलामी पर पेंच फंस गया। ऐसे में अब शेष राशि मिलने पर भी संशय बरकरार है।

सप्ताहभर बाद भी नोटिस का जवाब नहीं

जिला कलेक्टर और तहसीलदार को नेशनल कंपनी ला ट्रिब्यूनल द्वारा नोटिस जारी किए 15 दिन से अधिक का समय हो चुका है, लेकिन अब तक इसका जवाब नहीं दिया गया है। ऐसे में जवाब नहीं दिए जाने की वजह से दोनों ही पक्ष इस मामले में फंसे हुए हैं। वहीं अफसरों के अनुसार अब इसका जवाब शासन स्तर पर दिए जाने का दावा किया जा रहा है।

इन खसरा नंबरों की हुई नीलामी
खसरा-रकबा-कीमत
288/52-0.250 हेक्टेयर-3,50,00,000 रुपये
288/54-0.113 हेक्टेयर-1,58,20,000 रुपये
288/56-0.250 हेक्टेयर-1,44,20,000 रुपये
313/4-0.109 हेक्टेयर-3,50,00,000 रुपये

पत्र मिला है। इसके लिए शासन स्तर पर जवाब देने के लिए पत्र प्रेषित किया गया है। हमने इसकी रजिस्ट्री पर रोक लगा दी है। जवाब शासन स्तर पर ही दिया जाएगा।

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