
रायपुर: छत्तीसगढ़ में अब तक वैसी बारिश नहीं हुई है, जैसी होनी चाहिए, जिसका असर सीधे-सीधे बुआई पर पड़ रहा है, और अब इस पर सियासत भी शुरु हो गई है।
छत्तीसगढ़ में बस्तर के रास्ते 16 जून को मानसून दाखिल हुआ था,करीब दो हफ्ते में बारिश की मात्रा औसत से 30 फीसदी कम है। विशेषज्ञों के मुताबिक ऐसा पहली बार हुआ है, 2021 और 2020 में 20 जून तक बारिश जोरदार तरीके से हो चुकी थी । ऐसा इस बार नहीं हुआ, जिस पर सीएम भूपेश बघेल ने चिंता जताई है। बारिश का होना या ना होना प्रकृति पर निर्भर करता है,लेकिन नेता इस पर भी राजनीति से नहीं चूकते, नेता प्रतिपक्ष ने कम बारिश को बिजली की कमी से कुछ यूं जोड़ दिया।
इसे ही कहते हैं सियासत । खैर उम्मीद की जानी चाहिए, जल्द से जल्द पर्याप्त बारिश हो, ताकि किसानों के चेहरों पर मुस्कुराहट लौंटे,क्योंकि कृषि हमारे देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी है। तो बात बारिश की हो रही थी, सवाल ये है कि आखिर इस बार बारिश क्यों नहीं हुई?
पहली बात छत्तीसगढ़ में मानसूनी बारिश पूरी तरह बंगाल की खाड़ी में बने सिस्टम पर निर्भर है। पड़ोसी राज्य ओडिशा में भी यही स्थिति है। फिलहाल खाड़ी में कोई सिस्टम बनता नहीं दिख रहा है। जून में बंगाल की खाड़ी में एक भी कम दबाव का क्षेत्र नहीं बना है। सामान्य से कम बारिश इसी वजह से है। कुल मिलाकर हमें-आपको इंतजार करना होगा। क्योंकि प्रकृति को हम आप नियंत्रित नहीं कर सकते ।