
जिस तरह मध्यप्रदेश के बकस्वाहा जंगल की रक्षा न्यायालय ने की है उसी तरह ही इस जशपुर जिले के कांसाबेल झरबदरा जंगल की रक्षा भी न्यायालय करे – कांसाबेल ग्रमीण
जशपुर जिले के कांसाबेल तहसील में स्थित ग्राम टाँगरगांव का महत्वपूर्ण स्थल है

जशपुर। जशपुर जिले के विकास खण्ड कांसाबेल के ग्रामीणों का मानना है कि झरबदराजंगल इसमें दो शब्द जुड़े हुए हैं झर और बदरा सम्भवतः देश का हर हिंदी भाषी व्यक्ति इन दोनों शब्दों का अर्थ आम जानता जानती है गांव के ग्रामीणों की मान्यता है कि इसी झर बदरा जंगल के कारण ही क्षेत्र में बारिश होती है और यह नामकरण कोई आज का किया हुआ नहीं है बल्कि पुरखो के द्वारा सोंच समझकर सैकड़ो वर्ष पूर्व किया गया है इस नाम की और इस स्थान की महत्ता यहां का बच्चा बच्चा जानता है किंतु दुर्भाग्य है कि इसकी महत्ता शासन प्रशासन में बैठे लोग नहीं जानते है और इसी कारण इस महत्वपूर्ण झरबदरा जंगल के निकट इस जंगल का सबसे बड़ा दुश्मन स्टीलप्लांट स्थापित करने का प्रयास किया जा रहा है कहाँ है वे लोग जो इस महत्वपूर्ण जंगल को नष्ट करने की साजिश रच रहे हैं।जिस प्रकार मध्यप्रदेश के बकस्वाहा जंगल की रक्षा न्यायालय ने की है ऐसे ही इस झरबदरा जंगल की रक्षा भी न्यायालय करे
मामला माँ कुदरगढ़ी एनर्जी एन्ड इस्पात प्रा,ली, ने जशपुर जिले के विकास खण्ड कांसाबेल के ग्राम पंचायत टागर गांव में जिले का प्रथम उघोग लगने वाला है जिसकी जनसुनवाई अगस्त में होंने वाली है इसको लेकर ग्रमीणों में काफी रोष व्याप्त है वही ग्रामीणों का मानना है कि क्षेत्र में अगर स्टील प्लांट लगाने से जल,जंगल के साथ ही साथ क्षेत्र का पर्यावरण पर खासा नुकसान होगा और हम लोग के जिंदगी पर भी स्टील प्लांट के लगने से बुरा असर पड़ेगा
हम लोग जिला प्रशासन, राज्य सरकार,, केंद्र सरकार के अलावा न्ययालय से निवेदन करते हैं जैसा भी हो क्षेत्र में स्टील प्लांट लगाने से रोके औरक्षेत्र में जल, जंगल को दूषित होने से बचाए वही हम ग्रामीणों की जिंदगी को बरबाद होने से भी बचाए