टारगेट किलिंग भाजपा की संस्कृति कई दिग्गज कांग्रेसी नेता हुए शिकार

बलौदाबाज़ार,
फागूलाल रात्रेलवन।

ब्लॉक कांग्रेस कमेटी लवन अध्यक्ष गुरुदयाल यादव ने कहा की टारगेट किलिंग भाजपा नेताओ की संस्कृति है।आजादी के बाद राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से लेकर झीरम घाटी कांड में कांग्रेस नेताओं को टारगेट कर उनकी हत्या की गई। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जिस दिन हत्या हुई उसी दिन कुछ लोग हत्या की खबर सुनने के बाद नागपुर में मिठाई वितरित कर रहे थे खुशियां मना रहे थे देश में कांग्रेस के नेता ही टारगेट किलिंग का शिकार हुए हैं प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री राजीव गांधी की भी टारगेट किलिंग कर हत्या की गई थी और इन सब का मकसद सिर्फ कांग्रेस के मजबूत नेतृत्वकर्ताओं को खत्म कर राजनीति को कमजोर करना था। कांग्रेस नेताओं की हत्या कर गांधी जी की अहिंसा की विचारधारा को खत्म करने का प्रयास किया गया।लेकिन विरोधी लोग असफल रहे।

यादव ने आगे कहा कि 2013 में कांग्रेस पार्टी ने परिवर्तन यात्रा पूरे प्रदेश में निकालकर भ्रष्ट रमन भाजपा की सरकार की पोल खोल रही थी परिवर्तन यात्रा को व्यापक जनसमर्थन मिल रहा था लेकिन जब परिवर्तन यात्रा बस्तर संभाग में पहुंची तब उसकी सुरक्षा में कटौती कर दिया गया और झीरम घाटी राजनीतिक षड्यंत्र हत्याकांड हुए जिसमें कांग्रेस के प्रथम पंक्ति के नेताओं कार्यकर्ताओं की शहादत हुई सुरक्षाकर्मियों की शहादत हुई और उसके बाद हुए विधानसभा के चुनाव में पुनः भाजपा की सरकार बनी डॉ रमन सिंह मुख्यमंत्री बने और झीरम घाटी कांड की जांच को प्रभावित किया न्याय को बाधित किया गया पूरा प्रदेश ने देखा है कि कैसे परिवर्तन यात्रा पर हमला हुआ उसके बाद पुनः भाजपा की सरकार बनी। परिवर्तन यात्रा को पुख्ता सुरक्षा दी जाती तो 2013 में ही प्रदेश से रमन भाजपा सरकार की विदाई तय हो गई थी जनता में रमन सरकार के खिलाफ भारी आक्रोश था और कांग्रेस के पक्ष में मजबूत माहौल बना था जो परिवर्तन का खुला संदेश दे रहा था।

भाजपा जहां राजनितिक रूप से सीधी लड़ाई लड़ने में असफल हो जाती है। वहां हिंसा का सहारा लेकर राजनीति करती है। वैमनस्य्ता फैलाना हिंसा करना भाजपा का मूल चरित्र है। मौत पर राजनीति करना भाजपा की नीति है। देश में और कई ऐसे टारगेट किलिंग के मामले हैं जैसे जज लोया की संदेहास्पद मौत को भी टारगेट किलिंग की नजर से देखा जा रहा है। गुजरात के गृह मंत्री रहे हरेन पंड्या की मौत पर भी सवाल उठे हैं और प्रवीण तोगड़िया ने भी अपनी जान को खतरा बताया है इन गंभीर मुद्दों को लेकर भाजपा कब सड़को पर उतरेगी ये भी सुनिश्चित करें।

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