टिल्लू शर्मा विवाद: भड़काऊ टिप्पणी के बाद समाज की सख्त मांग — गिरफ्तारी नहीं तो आंदोलन तेज

अमित बघेल मामले की तरह अब टिल्लू शर्मा पर भी एक्शन की मांग, धार्मिक भावनाओं के अपमान का आरोप

रायगढ़। सोशल मीडिया पर टिल्लू शर्मा की धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाली टिप्पणी के बाद शहर में आक्रोश थम नहीं रहा है। बीते सप्ताह विभिन्न संगठनों ने एसपी कार्यालय का घेराव कर जमकर नारेबाजी की और प्रशासन को अल्टीमेटम दिया कि यदि 72 घंटे के भीतर गिरफ्तारी नहीं हुई तो आंदोलन और उग्र होगा।
सूत्रों के अनुसार, पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है, लेकिन अभी तक आरोपी के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। समाज के प्रतिनिधियों ने कहा कि जब अमित बघेल जैसे मामलों में एफआईआर और गिरफ्तारी संभव है, तो फिर टिल्लू शर्मा के मामले में प्रशासन की नरमी क्यों?

कानूनी पहलू

कानूनी जानकारों का कहना है कि धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले मामलों में भारतीय न्याय संहिता की धारा196, 299 और धारा 74 (आईटी अधिनियम से संबंधित सामग्री के दुरुपयोग) लागू हो सकती है। यदि टिप्पणी सामुदायिक वैमनस्य को भड़काने वाली पाई जाती है, तो रासुका लगाने तक की कार्रवाई संभव है।

टिल्लू शर्मा प्रकरण पर एक नजर

आरोप: धार्मिक भावनाओं का अपमान, सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट
कार्रवाई की स्थिति: एफआईआर दर्ज, गिरफ्तारी लंबित
प्रदर्शन: विभिन्न समाजों ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय का घेराव किया

कार्यवाही में भेदभाव कैसा

धार्मिक भावनाओं पर चोट करने वालों पर एक समान कार्रवाई होनी चाहिए। प्रशासन की यह दोहरी नीति जनता में असंतोष और विभाजन को जन्म दे रही है। रायगढ़ को शांति चाहिए, लेकिन न्याय के बिना शांति सिर्फ धोखा है। जब कानून आंख मूंद लेता है, तब समाज सड़कों पर न्याय लिखता है।

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