धर्म विशेष के प्रचारक व्यक्ति को आयोग जैसे संवैधानिक पद पर पदस्थ करना बिल्कुल गलत- नंदकुमार साय

राज्य शासन द्वारा एक धर्म विशेष प्रचारक पादरी अमृतलाल टोप्पो को छत्तीसगढ़ अनुसूचित जनजाति आयोग के सदस्य पद पर नियुक्त किया गया है। ये धर्मांतरण जैसे कामों में संलिप्त रहते हैं। ऐसे व्यक्ति को किसी भी कीमत में राज्य शासन द्वारा अनुसूचित जनजाति आयोग का सदस्य नहीं बनाना चाहिए था।

उक्त बातें रविवार को अंबिकापुर स्थित सर्किट हाउस में आयोजित पत्रकार वार्ता में भाजपा के पूर्व सांसद नंदकुमार साय ने कही। उन्होंने कहा कि एक धर्म विशेष द्वारा पूरे प्रदेश में धर्मांतरण का कार्य काफी जोरों से चल रहा है। इसके बावजूद राज्य शासन द्वारा धर्म विशेष के प्रचारक को आयोग का सदस्य बना दिया गया है।

उन्होंने कहा कि क्षेत्र में जनजाति समाज की लड़कियों को बहला-फुसलाकर और शादी का झांसा देकर उनकी संपत्ति और उनके नाम पर लाभ कमाने का भी खेल चल रहा है। उन्होंने कहा कि अंबिकापुर के महामाया पहाड़ पर रोहिंग्याओं द्वारा कब्जा कर लिया गया है।

मामले में सरकार को चाहिए कि पूरी तरह से मामले की जांच करें और कार्रवाई करें। ऐसा लग रहा है कि छत्तीसगढ़ का सरगुजा कोई धर्मशाला बन गया है और लोग कहीं से भी आकर बिना किसी सूचना के बस जा रहे हैं।

पूर्व सांसद नंद कुमार साय ने धर्मांतरण के मामले में कहा कि सरकार को इस मामले में गंभीर कार्रवाई करने की जरूरत है। काफी संख्या में धर्मांतरण के मामले सामने आ रहे हैं। इसे रोकने के लिए समाज के हर वर्ग को आगे आना होगा।

सनातन धर्म भारतीय चिंतन जिसे संपूर्ण दुनिया ने माना है। संस्कृति और सभ्यता के लिए यह देश पूरी दुनिया में जाना जाता है। आश्चर्य का विषय है कि लोग बहकावे में आकर धर्मांतरित हो रहे हैं।

मधुमक्खियों से रोका जा सकता है गज उत्पात
पूर्व सांसद नंद कुमार साय ने कहा कि हाथियों के हमले (Elephants Attack) में आए दिन लोगों की जान जा रही है। यह काफी चिंता का विषय है। मैं रायपुर में फॉरेस्ट विभाग की बैठक में शामिल भी हुआ था और सुझाव भी दिया था।

उन्होंने कहा कि शोध में पता चला है कि जहां पर मधुमक्खी रहते हैं उस क्षेत्र में हाथी नहीं रहते हैं। इसलिए वन विभाग को चाहिए कि ऐसे अभियान के रूप में प्रभावित क्षेत्रों में जगह-जगह मधुमक्खियों का छत्ता लगवाएं।

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