निर्वाचन आयोग को अपनी भूमिका निष्पक्ष रखनी चाहिए : बघेल

रायपुर, 17 जनवरी उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रचार के दौरान प्राथमिकी दर्ज होने को लेकर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि निर्वाचन आयोग को अपनी भूमिका निष्पक्ष रखनी चाहिए। बघेल ने अपने ट्विटर अकाउंट में एक वीडियो जारी कर रविवार को नोएडा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी के प्रचार के दौरान अपने खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होने के मामले पर प्रतिक्रिया दी है।

बघेल ने वीडियो में कहा है कि पार्टी की प्रत्याशी उनके साथ थी तथा लगभग 20 की संख्या में सुरक्षा कर्मी और पुलिसकर्मी उनके साथ थे, इसके अलावा वहां 30-40 पत्रकार भी वहां मौजूद थे।

मुख्यमंत्री ने वीडियो में कहा है ‘‘तो फिर प्राथमिकी मेरे ही खिलाफ क्यों । दूसरी बात यह है कि लोग आ रहे हैं मिल रहे हैं। फिर कैसे करें। आखिर चुनाव प्रचार किस प्रकार से होगा। ऐसे में निर्वाचन आयोग को प्रत्यक्ष रूप से आकर बताना चाहिए कि कैसे प्रचार होगा ।’’

बघेल ने कहा है ‘यदि मेरे खिलाफ कार्रवाई की गई है तो अमरोहा में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी और मंत्री के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई। भारतीय जनता पार्टी के मंत्री डोर टू डोर पांच दिनों से प्रचार कर रहे हैं। उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं हो रही है।’

बघेल ने वीडियो में कहा है कि वह उत्तर प्रदेश जाएंगे तथा वहां चुनाव प्रचार भी करेंगे। प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी पंखुड़ी पाठक के प्रचार के लिए रविवार को नोएडा पहुंचे बघेल के खिलाफ कोविड-19 संबंधी नियमों के उल्लंघन के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई है।

उत्तर प्रदेश पुलिस के अनुसार इस मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 188 (लोक सेवक द्वारा लागू आदेश की अवज्ञा), 269 (गैरकानूनी या लापरवाही से जीवन के लिए खतरनाक किसी भी बीमारी का संक्रमण फैलाना) और 270 (किसी कृत्य से खतरनाक बीमारी का संक्रमण फैलने की संभावना) भी जोड़ी गई है।

इस मामले को लेकर छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा है कि भाजपा उत्तर प्रदेश में बघेल के चुनाव अभियान को मिल रही अच्छी प्रतिक्रिया से डर गई है। उन्होंने कहा कि प्राथमिकी योगी आदित्यनाथ (मुख्यमंत्री)की हताशा को दर्शाती है।

वहीं, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता अनुराग सिंहदेव ने कहा है कि कांग्रेस नेताओं को यह समझना चाहिए कि उत्तर प्रदेश में कानून का राज है और कानून से बड़ा कोई नहीं हो सकता। छत्तीसगढ़ में खुलेआम नियमों और कोविड-19 दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने वाले कांग्रेसियों को कानून का सम्मान करने की आदत डालनी चाहिए।

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