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मानदेय पुनरीक्षण में विसंगतियों को लेकर एड्स नियंत्रण संविदा कर्मी 22 अगस्त को किया संपूर्ण भारतवर्ष में विरोध प्रदर्शन
बेमेतरा==भारतवर्ष के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों एवं अस्पतालों में राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत कार्यरत 26000 संविदा कर्मी कार्यरत हैं कोविड-19 में संसाधनों के अभाव के चलते भी इन्होंने पूर्ण ईमानदारी से अपनी सेवाएं दी है और आज भी दे रहे हैं इस कार्यक्रम के सैकड़ों कर्मचारी कोविड-19 से संक्रमित भी हुए और कई तो इसके कारण अपनी जान से हाथ धो बैठे इनकी मानदेय पुनरीक्षण अप्रैल 2017 में किया जाना था जिसके लिए इन्होंने विगत 4 वर्षों से अधिक समय से लगातार निवेदन कर रहे हैं इससे पूर्व अक्टूबर 2013 में मानदेय पुनरीक्षण किया गया था । राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन द्वारा लगभग 8 वर्ष बाद दिनांक 3 अगस्त 2022 को मानदेय पुनरीक्षण किया गया है जो कि वर्तमान में बढ़ती महंगाई दर के हिसाब से बहुत कम है इस मानदेय पुनरीक्षण में सभी वरिष्ठ संविदा कर्मियों जो कि 5 वर्ष से अधिक समय से कार्य कर रहे हैं उनकी उपेक्षा की गई है उनको मानदेय पुनरीक्षण में ₹1 का भी लाभ नहीं दिया गया है और इस कार्यक्रम के हजारों संविदा कर्मी तो इस कार्यक्रम में विगत 18 से 20 वर्षों से अधिक समय काम करते-करते अपनी सरकारी नौकरी की आयु सीमा भी पार कर चुके हैं लेकिन नाकों ने मानदेय पुनरीक्षण के नाम पर इनके साथ बहुत बड़ा छल किया है इसलिए एड्स नियंत्रण संविदा कर्मियों ने दिनांक 22 अगस्त को विरोध स्वरूप राज्य कार्यालय में प्रदर्शन किया और परियोजना संचालक, एवं अतिरिक्त परियोजना संचालक, एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के नाम पर ज्ञापन सौंपा एवं जानकारी दी गई कि 23 अगस्त 2022 को राष्ट्रीय एवं राज्य संगठनों का प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन एवं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में वार्ता के लिए जाएंगे सहमति न बनने की स्थिति में पूरे भारतवर्ष में कार्य बहिष्कार के साथ दिल्ली में अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन किया जाएगा इस दौरान एचआईवी/ एड्स से संबंधित समस्त सेवाएं बंद रहने की जानकारी दिया गया ।















