
मुआवजा देने का आश्वासन देकर PWD ने बना दी सड़क, अब भटक रहे किसान, 7 साल से अटके पड़े हैं मामले
आरंग: किसानों के मालिकाना हक की भूमि पर मुआवजा देने के आश्वासन पर सड़क तो बना दिया गया पर अब प्रभावित किसान मुआवजा के लिये भटक रहे। आरंग तहसील के अंतर्गत लोक निर्माण विभाग द्वारा बनाये गये लगभग 11 सड़कें ऐसी है जिनके मुआवजा के मामले अभी भी भू-अर्जन अधिकारी आरंग के पास लंबित हैं जिनमें से 2 मामले तो बीते 7 साल से अटका पड़ा है। पीडि़त किसानों से इसकी जानकारी मिलने व जिलाधीश के सोमवार को आरंग पहुंचने की संभावना की जानकारी पर कतिपय पीडि़त किसान। किसान संघर्ष समिति के संयोजक भूपेन्द्र शर्मा के साथ ध्यानाकर्षण कराने पहुंचे पर जिलाधीश के आने की पुष्टि न होने पर वे वापस लौट गये। शर्मा ने किसानों को शीघ्र ही रायपुर में इस संबंध में जिलाधीश को ज्ञापन सौंपने का आश्वासन दिया है। शर्मा ने जानकारी दी कि करीबन 8 साल पहले बने आरंग-कलई-खमतराई-भोथली-अकोलीकला-गुखेरा सड़क मार्ग में अकोलीकला के प्रभावित किसानों को आज तक मुआवजा नहीं मिल पाया है। इसी तरह 7 साल पहले बने छतौना-दरबा-सोनपैरी-बड़गांव-कुंडा-नारा-लखौली सड़क मार्ग से प्रभावित दरबा व सोनपैरी के किसानों को। 4 साल पहले बने रसनी-बोडरा-फरफौद-फरहदा मार्ग से प्रभावित बोहारडीह। परसट्ठी। बोडरा। छतौना व जरौद के किसानों को। 3 साल पहले बने आरंग-कलई-भानसोज सड़क मार्ग से प्रभावित भानसोज के किसानों को व इसी साल बने बकतरा-नकटा मार्ग में बकतरा के किसानों को। चंदखुरी-खौली मार्ग में कठिया। अमेरी व मुनगेसर के किसानों को। नगपुरा-जावा मार्ग में जावा व सकरी के किसानों को। फरफौद-गुखेरा मार्ग में फरफौद के किसानों को। रीवा-जरौद मार्ग में रीवा के किसानों को। आरंग-खमतराई-अमेठी मार्ग में खमतराई के किसानों को व जोरा-पिरदा-तुलसी-बाराडेरा-सी.आर.पी.एफ. कैंप मार्ग में पिरदा के किसानों को मुआवजा नहीं मिलने से वे भटक रहे हैं।