मुफ्त राशन वितरण का नहीं होगा विस्तार; नवंबर में बंद हो जाएगी गरीबों को अनाज देने वाली योजना

केंद्र सरकार प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को और आगे नहीं बढ़ाएगी। कोरोना काल में कोई गरीब भूखा पेट नहीं सोए, इसके लिए शुरू की गई गरीब कल्याण अन्न योजना नवंबर में खत्म हो जाएगी। खाद्य सचिव सुधांशु पांडेय के मुताबिक, मुफ्त राशन वितरण को नवंबर से आगे बढ़ाने का कोई प्रस्ताव नहीं है।

 

खाद्य सचिव सुधांशु पांडेय ने शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि अर्थव्यवस्था में सुधार हो रहा है। इसके साथ ओएमएसएस (ओपन मार्केट सेल स्कीम) में भी खाद्यान्न की मांग बढ़ी है। इसलिए, सरकार के पास प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मुफ्त राशन वितरण के विस्तार का कोई प्रस्ताव नहीं है।

सरकार ने कोरोना संक्रमण रोकने के लिए लॉकडाउन के दौरान मार्च 2020 में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना एक (पीएमजीकेएवाई) की शुरुआत की थी। इस साल अप्रैल-मई में फिर इस योजना को शुरू किया गया। बाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएमजीकेएवाई को दीपावली तक यानि 30 नवंबर तक जारी रखने का ऐलान किया था।

 

पीएमजीकेएवाई के तहत खाद्य सुरक्षा गारंटी योजना (एनएफएसए) के दायरे में आने वाले लाभार्थियों को प्रति सदस्य पांच किलो अनाज (गेहूं-चावल) मुफ्त दिया गया था। यह एनएफएसए के तहत मिलने वाले प्रति व्यक्ति मिलने वाले पांच गेहूं या चावल से अतिरिक्त था। सरकार की इस योजना को कोरोना में लोगों को काफी राहत मिली ।

 

हालांकि, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुफ्त राशन योजना का होली तक विस्तार का ऐलान कर चुके हैं। मुख्यमंत्री की तरफ से की गई इस घोषणा का फायदा यूपी के 15 करोड़ लोगों को मिलेगा। योजना के तहत मुफ्त राशन के साथ दाल, तेल और नमक भी जोड़कर लाभार्थियों को उपलब्ध कराएगी।

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