राजस्थान सरकार को छत्तीसगढ़ में कोयला खनन की इजाजत नहीं, जानें- कहां अटका मामला?

रायपुर. राजस्थान को कोयला उत्खनन की अनुमति देने के मामले में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का बड़ा बयान सामने आया है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया कि राजस्थान को कोयला उत्खनन की अंतिम अनुमति अभी नहीं दी गयी है. सीएम बघेल के मुताबिक कोयला उत्खनन की अनुमति प्रक्रिया में है और इस प्रक्रिया में नियमों का पूरी तरह से पालन किया जाएगा. बीते रविवार को रायपुर में पत्रकारों से चर्चा में सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि इसमें पर्यावरण का ध्यान तो रखा ही जाएगा साथ ही वहां निवास कर रहे आदिवासियों के हितों से कोई समझौता नहीं होगा. राजस्थान को कोल उत्खनन की अनुमति मिलती है तो नियमानुसार ही मिलेगी.

बता दें कि राजस्थान में इस वक्त बिजली संकट चल रहा है और राजस्थान की निगाहें इस वक्त छत्तीसगढ़ की ही ओर है. क्योंकि छत्तीसगढ़ के ही कोयले से राजस्थान रौशन होता है. ऐसे में राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम ने यहां के परसा ईस्ट-केते बासेन कोल ब्लॉक में दूसरे चरण के लिए अनुमति मांगी थी और इस संबंध में बीते 25 मार्च को राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत का छत्तीसगढ़ दौरा भी हुआ था. यहां मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और ऊर्जा विभाग के अधिकारियों के साथ सीएम अशोक गहलोत की लंबी चर्चा हुई थी. इसी मुलाकात के बीच चर्चा शुरू हो गई कि छत्तीसगढ़ सरकार ने राजस्थान को कोयले के खनन की अनुमति दे दी है. लेेकिन सीएम भूपेश ने स्पष्ट किया है कि फिलहाल राजस्थान को खनन की अनुमति नहीं दी गई है.

यहां होना है खनन
बता दें कि सरगुजा वन मंडल के अंतर्गत फेस टू के लिए 1136 हेक्टेयर वन भूमि में उत्खनन की अनुमति के लिए प्रक्रिया चल रही है. यहां कोयला खनन से पहले इस बात को भी स्पष्ट कर दिया गया है कि जिला कलेक्टर और जिला वन मंडलाधिकारी द्वारा शर्तों का पालन सुनिश्चित किये जाने की कार्ययोजना का परीक्षण करने और पूरा विचार करने के बाद खनन शुरू करने के संबंध में अंतिम फैसला लिया जाएगा. गौरतलब है कि वहां खनन के विरोध में सैंकड़ों आदिवासी लंबे समय से प्रदर्शन कर रहे हैं.

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