राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020: छत्तीसगढ़ में अब चार वर्षीय स्नातक, नया पाठ्यक्रम लागू, राज्यपाल अनुसुईया उइके ने दी मंजूरी

राज्यपाल अनुसुईया उइके ने चार वर्षीय पाठ्यक्रम के अध्यादेश पर हस्ताक्षर कर दिया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मुताबिक चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम प्रदेश के आठ स्वशासी कालेजों में लागू कर दिया गया है। इनमें रायपुर के साइंस कालेज, डिग्री गर्ल्स कालेज, छत्तीसगढ़ कालेज, दुर्ग का वीवाईटी आदि शामिल हैं।

रायपुर। छत्तीसगढ़ के कालेज-विश्वविद्यालयों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की सिफारिशों का लागू करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। नए सत्र 2023-24 से कालेजों में अब तीन वर्ष की बजाय बीए, बीकाम, बीएससी, बीएचसी आदि स्नातक पाठ्यक्रम की अवधि चार वर्ष की होगी। राज्यपाल अनुसुईया उइके ने गुरुवार को चार वर्षीय पाठ्यक्रम के अध्यादेश पर हस्ताक्षर कर दिया है। राज्यपाल ने राजकीय विश्वविद्यालयों में हेमचंद विश्वविद्यालय दुर्ग, संत गहिरा गुरू विश्वविद्यालय अंबिकापुर, अटल बिहारी विश्वविद्यालय, बिलासपुर, पं. रविशंकर विश्वविद्यालय-रायपुर के अंतर्गत स्वशासी कालेजों में चार वर्षीय उपाधि पाठ्यक्रम लागू करने के लिए विश्वविद्यालयों के अध्यादेश में हस्ताक्षर कर दिए हैं। इन तमाम विश्वविद्यालय ने नवीन पाठ्यक्रम और पाठ्यक्रम अवधि में बदलाव के लिए प्रस्ताव राज्य शासन को भेजा था। राज्य शासन ने इसे हस्ताक्षर के लिए राज्यपाल के पास भेजा था।

इन स्वशासी कालेजों में नया पाठ्यक्रम हुआ लागू

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मुताबिक चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम प्रदेश के आठ स्वशासी कालेजों में लागू कर दिया गया है। इनमें रायपुर के साइंस कालेज, डिग्री गर्ल्स कालेज, छत्तीसगढ़ कालेज, दुर्ग का वीवाईटी, दिग्विजय कालेज राजनांदगांव, राघवेन्द्र कालेज, बिलासा कन्या कालेज बिलासपुर, पीजी कालेज सरगुजा शामिल है।

डिग्री-डिप्लोमा दोनों का प्रविधान: चार वर्षीय ग्रेजुएशन की पढ़ाई के इन चार वर्षों में पहले वर्ष उत्तीर्ण होने पर सर्टिफिकेट, दूसरे वर्ष डिप्लोमा, तीसरे वर्ष डिग्री और चौथे वर्ष आनर्स डिग्री दी जाएगी। उच्च शिक्षा के सचिव भुवनेश यादव ने कहा कि हमने प्रस्ताव भेजा था, प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत पाठ्यक्रम और नियम लागू होंगे। उसी के अनुरूप पढ़ाई करवाई जाएगी।

पहली बार कालेजों में विषय चुनने की आजादी: पहली बार कालेजों में विषय चुनने की आजादी मिली है। इन स्वशासी महाविद्यालयों में चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम विद च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम एंड लर्निंग आउटकम बेस्ड करीकुलम फ्रेमवर्क प्रारंभ किए जाने का प्राविधान किया गया है। च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम के तहत अब कला संकाय से बीए का विद्यार्थी भी चाहे तो एक विषय गणित ले सकता है। इसी तरह विज्ञान संकाय का विद्यार्थी भी चाहे तो कोई एक विषय कला, वाणिज्य, कृ षि या अन्य जो भी उपलब्ध हों उसे लेकर पढ़ाई कर कसता है। अभी तक विषयों को लेकर बंधन था। कला के विद्यार्थी केवल कला संकाय के ही विषय पढ़ पाते थे ।

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