लगातार बिगड़ रहे हालात: हमास का इजरायल पर सबसे बड़ा हमला, महिलाओं, बच्चों समेत 28 लोगों की मौत

गाजा सिटी (गाजा पट्टी), 11 मई (एपी) इजराइल ने मंगलवार को गाजा पर हवाई हमले कर दो बहुमंजिला इमारतों को निशाना बनाया जिनके बारे में उसका मानना था कि वहां उग्रवादी छिपे थे, वहीं हमास और अन्य सशस्त्र समूहों ने दक्षिणी इजराइल पर सैकड़ों रॉकेट दागे। दोनों तरफ से हुए इन हमलों में बच्चों समेत 28 लोगों की जान चली गई जबकि दो इजराइली महिलाओं की भी मौत हुई। यरूशलम में हफ्तों के तनाव के बाद यह झड़प हुई हैं।

गाजा के स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि सोमवार शाम से शुरू हुई झड़प में 10 बच्चों और एक महिला समेत 28 फलस्तीनियों की मौत हुई है। अधिकतर मौत हवाई हमलों से हुई। इजराइली सेना ने कहा कि मरने वालों में कम से कम 16 उग्रवादी थे।

इसी अवधि के दौरान गाजा के उग्रवादियों ने इजराइल की तरफ सैकड़ों रॉकेट दागे जिसमें एस्कलोन शहर में दो इजराइली महिलाओं की मौत हो गई जबकि 10 अन्य घायल हो गए।

वर्तमान हिंसक झड़प में पहली बार इजराइली नागरिकों की मौत के बाद इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि अधिकारियों ने आतंकी संगठन हमास और गाजा पट्टी में इस्लामिक जिहाद के खिलाफ हमले तेज करने का फैसला किया है।

इजराइली सेना के मुताबिक उसने गाजा में उग्रवादी संगठन इस्लामिक जिहाद के एक वरिष्ठ कमांडर को मार दिया है।

उसने कहा कि मारे गए आतंकी कमांडर की पहचान समीह-अल-मामलुक के तौर पर हुई है जो इस्लामिक जिहाद की रॉकेट इकाई का प्रमुख था। सेना ने कहा कि हमले में उग्रवादी संगठन के अन्य बड़े उग्रवादी भी मारे गए हैं।

इस्लामिक जिहाद ने गाजा सिटी में एक अपार्टमेंट पर हुए हवाई हमले में तीन लोगों की मौत की पुष्टि की है जो उसकी सशस्त्र शाखा के वरिष्ठ सदस्य थे। उग्रवादी संगठन ने बदला लेने की बात कही है।

वहीं तनाव के और बढ़ने का संकेत देते हुए इजराइल ने सैन्य अभियान का दायरा बढ़ाने की बात कही है। सेना ने कहा कि वह गाजा सीमा पर अपने सैनिकों की संख्या बढ़ा रही है और रक्षा मंत्री ने 5000 आरक्षित सैनिकों को वहां भेजने का आदेश दिया है।

इस बीच एक सकारात्मक संकेत है। अधिकारियों के मुताबिक मिस्र संघर्ष विराम के लिये काम कर रहा है।

रात में हुए रॉकेट व हवाई हमले से पहले फलस्तीनियों और इजराइल के सुरक्षा बलों के बीच घंटों झड़प होती रही। झड़प यरुशलम की अल-अक्सा मस्जिद परिसर में भी हुई जिसे यहूदी और मुसलमान दोनों पवित्र मानते हैं।

बढ़ती अशांति के संकेतों के बीच इजराइल में अरब समुदाय के सैकड़ों लोगों ने फलस्तीन के खिलाफ इजराइली बलों की हालिया कार्रवाई की निंदा करते हुए प्रदर्शन किया। इसे हाल के वर्षों में इजराइल में फलस्तीनी नागरिकों द्वारा सबसे बड़ा प्रदर्शन माना जा रहा है।

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