शहर के कुछ वार्ड अंधेरे का अभिशाप झेलने के लिए मजबूर,,

जशपुरनगर। शहर के कुछ वार्ड अंधेरे का अभिशाप झेलने के लिए मजबूर हैं। मामला,शहर के वार्ड क्रमांक 18 का है। इस वार्ड में आधे से अधिक खंबों का बल्ब एक माह से अधिक समय से खराब पड़ा हुआ है। मुहल्लेवासियों का आरोप है कि उन्होनें इसकी शिकायत पार्षद और पालिका के अधिकारियों से करके थक चुके हैं,लेकिन,इसका कोई असर नहीं हो रहा है। वार्ड क्रमांक 18,शहर के अंतिम छोर में स्थित है। इससे आगे ग्राम पंचायत सारूडीह की सीमा शुरू हो जाती है। पनचककी और सारूडीह के घने जंगल से घिरे इस वार्ड में हाथियों के आवाजाही की आशंका बनी रहती है। इसके साथ ही कानून व्यवस्था और सड़क दुर्घटना के लिहाज से भी यह इलाका बेहद संवेदनशील है। इन सबके बावजूद,इस वार्ड में मुख्य सड़क से लेकर अंदर के गली कुचों की सड़क पूरी तरह से अंधेरे में लिपटी हुई है। यही,हाल शहर के वार्ड क्रमांक 20 का भी है। इस वार्ड में बांकी टोली से हाउसिंग बोर्ड की ओर जाने वाली सड़क में बेतरतीब और मनमाने तरीके से लगाए हुए स्ट्रीट लाइट से आधे से अधिक सड़क अंधेरे में डूबी रहती है। नगर में स्ट्रीट लाइट व्यवस्था को लेकर लंबे अर्से से विवाद की स्थिति बनी हुई है। खासकर अंतिम छोर में बसे हुए वार्ड के निवासियों की शिकायत रही है कि उन्हें जरूरत के अनुसार स्ट्रीट लाइट की सुविधा नहीं दी गई है। एक बार बल्ब फ्यूज हो जाने पर,इसे बदला जाना लगभग असंभव हो जाता है। वहीं,रसूखदार पार्षदों और जनप्रतिनिधि अपने अपने मुहल्लों में निर्धारित मात्रा से अधिक संख्या में बिजली के खंबे और बल्ब बटोर कर ले जाते हैं। पालिका की इस दोहरे व्यवस्था को लेकर लोगों में नाराजगी देखी जा रही है। लोगों की नाराजगी का शिकार पार्षद हो रहे हैं।
‘पालिका के पास एलईडी बल्ब की कमी है। इसकी आपूर्ति के लिए शासन स्तर पर चर्चा हुई है। संभवतः 10 दिसंबर तक बल्ब सहित आवश्यक सामग्री की आपूर्ति हो सकेगी। इसके बाद ही शहर की स्ट्रीट लाइट व्यवस्था को सुधारा जा सकेगा।

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