सपनों का घर बनाना हुआ महंगा, निर्माण सामाग्री के बढ़े दाम

बलौदाबाजार,
फागुलाल रात्रे, लवन।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सपना है कि सन् 2024 तक हर व्यक्ति का मकान होे। इसकेे साथ-साथ हर व्यक्ति चाहता है कि उसका अपना खुद का घर हो। लेकिन उसकी इस उम्मीद को कोरोना काल के तीन चरणों ने काफी हद तक कमजोर कर दिया है। इसकी मुख्य वजह घर बनाने के लिए जरूरी मटेरियल के बढ़ते दाम है। शायद इसी वजह से लोग बैंक से ऋण लेकर घर बनाने की सोच रहे थे। फिलहाल लोगों ने यह इरादा ही टाल दिया है। क्योकि भवन बनाने के लिए जरूरी सामान की कीमतो में इतना ज्यादा इजाफा हो गया है कि वह उसके बजट से बाहर जाने लगा है। बिल्डिंग मटेरियल से जुड़े कुछ दुकानदारो का कहना है कि भवन निर्माण की कीमतों में वृद्वि कोरोना काल के समय से शुरू हुआ है, जो वर्तमान में अब तक जारी है। भवन निर्माण के लिए जरूरी सामान की बात की जाये तो पहले 6500 रूपये प्रति ट्राली थी जो अब बढ़कर 9500 रूपये तक पहुंच चूकी है। सरिया की कीमत 46 रूपये प्रति किलो था जो अब बढ़कर 58-60 रूपये तक पहुंच गया है। इसी तरह सीमेंन्ट का भाव 225-250 रूपये से बढ़कर 300-330 रूपये तक पहुंच गया है। ट्रैक्टर में 2500 रूपये ट्रीप के हिसाब से आने वाली गिट्टी 3500 रूपये तक पहुंच चूकी है। बिल्डिंग मटेरियल से जुड़े व्यवसायियो के माने तो कोरोना काल के समय से कीमतो में वृद्वि शुरू हुई है, जो अब तक लगातार बढ़ रही है। लाॅकडाउन होने की वजह से बाजार पर जो असर हुआ था उससे लोग अब भी उबर नहीं पाये है। हालांकि शासन-प्रशासन द्वारा दी जाने वाली रियायतो के कारण धीरे-धीरे चीजें सामन्य होने लगी है। लेकिन फिर भी अन्य कारणों की वजह से चीजों के दामों में बढ़ोतरी हो रही है। वही, डीजल के दाम बढ़ने की वजह से भी कीमतों में इजाफा हो रहा है। बिल्डिंग मटेरियल के दाम लगातार बढ़ने की वजह से छोटे व मध्यम वर्ग के लोगों के लिए घर बनाना केवल अब सपना ही रह जायेगा। जिस प्रकार पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगातार बढोतरी देखी जा रही है, उससे अब मध्यम वर्ग के लोगो का निकल पाना मुश्किल पाना मुश्किल हो गया है। प्रधानमंत्री पीएम आवास से गरीबों को जो उम्मीदे लगी हुई थी। वह भी अब छत्तीसगढ़ में बंद हो गया है। पीएम आवास की स्वीकृति नहीं मिल रही है, और न ही अधूरा पड़े पीएम आवास पूरे हो रहे है।

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