स्थानीय सर्किट हाउस में देश के प्रथम प्रधानमंत्री स्व. नेहरू की 57 वीं पुण्यतिथि के अवसर पर श्रद्धांजलि दी गई


सक्ती। 27 मई भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की पुण्यतिथि के अवसर पर स्थानीय सर्किट हाउस में श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन कोविड प्रोटोकॉल को देखते हुए किया गया था।
असंगठित कामगार कांग्रेस के प्रदेश संयोजक व जनपद सक्ती के अध्यक्ष राजेश राठौर ने पंडित नेहरू के पुण्यतिथि के अवसर पर उनसे जुड़ी कुछ बातों को बताते हुए कहा कि आज हम पंडित जी की 57 वीं पुण्यतिथि पर श्रधंजलि देने उपस्थित हुए है। नेहरू जी ने अपने 74 साल के जीवन काल मे तीन दशक तक भारत की स्वाधीनता हेतु विदेशी शासन से संघर्ष किया । इस दौरान वे 10 साल तक विभिन्न जेलों में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के रूप में कैद रहे। श्री राठौर ने आगे कहा कि नेहरू के संबंध में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कहा था की वह अपने वक्त से आगे ही की सोचते हैं लेकिन वह इतने विनम्र और व्यवहारिक हैं की रफ्तार को इतना तेज नहीं करते की चीजें टूट जाए। इन्हें आधुनिक भारत का निर्माता ऐसे ही नहीं कहा जाता भारत देश के लिए उनके विचार मृत्यु के आधे दशक बाद आज भी प्रासंगिक बने हुए हैं। श्री राठौर ने आगे कहा कि महात्मा गांधी ने उक्त बातों को नेहरू जी ने सत्य कर दिखाया वह जीवन पर्यंत राष्ट्र निर्माण के कार्य में लगे रहे। स्वतंत्रता के बाद भी राष्ट्र के निर्माण हेतु उन्होंने 196 करोड़ों की संपत्ति देश हित में राष्ट्र निर्माण के लिए दे दी। नेहरू ने आजादी के दिन रेडियो संदेश में भी कहा था कि मैं भारत की जनता का प्रथम सेवक हूं वह शासक को नहीं वरन भारतीय जनता को ही सर्वोपरि मानते थे उनके अनुसार लोकतांत्रिक परंपराओं को मजबूत करना राष्ट्र और संविधान के धर्मनिरपेक्ष चरित्र को स्थाई भाव प्रदान करना ही देश के नागरिकों का कर्तव्य होना चाहिए। श्री राठौर ने आगे कहा कि गांधीजी की विरासत को पूरी निष्ठा के साथ भारत के कण-कण में समाहित कर नेहरू गांधी के उत्तराधिकारी होने का प्रमाण दिया है देश के प्रति त्याग तपस्या और समग्र विकास के लिए उन्हें आधुनिक भारत का निर्माता कहा जाता है।
श्रद्धांजलि के अवसर पाए मनोज कुमार जयसवाल, पीयूष राय, संतोष बरेठ, कौशल कुमार गोंड, चंद्र कुमार जायसवाल, सतीश नेताम उपस्थित थे।