
रायगढ़। आज यहां कारगिल चौक में कारगिल दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित विजय उत्सव के अवसर पर कारगिल युद्ध में शहीद जवानों को याद किया गया और उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की गई। यह आयोजन रायगढ़ जिला भूतपूर्व सैनिक संगठन एवं जिला सैनिक कल्याण कार्यालय के संयुक्त तत्वावधान में किया गया था। कार्यक्रम की शुरूआत राष्ट्र गीत के सामुहिक गायन से हुई और उसके बाद शहीद स्मारक में पुष्पांजलि अर्पित कर कारगिल युद्ध में शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। कार्यक्रम के अंत में सभी उपस्थित लोगों के बीच मिष्ठान वितरण कर विजय दिवस का उत्सव मनाया गया।
इस अवसर पर उपस्थित भूतपूर्व सैनिक संगठन के अध्यक्ष एवं अन्य पदाधिकारियों द्वारा अपने संबोधन में कारगिल युद्ध संबंधी जानकारी विस्तार से देते हुए बताया कि कारगिल युद्ध बेहद विषम परिस्थितियों में लड़ा गया था। जब पाकिस्तानी सेना ऊंचाई पर अपना मोर्चा खोले हुए थी और भारतीय सेना नीचे में थी। वहां तापक्रम माईनस ४०-४५ डिग्री सेल्सियस में भारतीय सैनिक एक ओर अगर पाकिस्तानी हमले का जवाब दे रहे थे तो दूसरी ओर उन्हें बेहद विपरीत मौसम का भी सामना करना पड़ रहा था। भूतपूर्व सैनिक संगठन के अध्यक्ष ने यह भी जानकारी दी कि कारगिल युद्ध के दौरान वे भी वहां थे और भारी गोला-बारी के बीच सैनिकों के लिये हथियार और राशन की आपूत्र्ति का काम कर रहे थे।
रायगढ़ जिले में एनएसएस के कार्यक्रम अधिकारी श्री भोजराम पटेल ने भी कारगिल युद्ध में विजय को भारत के लिये एक गौरवशाली उपलब्धि बताते हुए आज के दिन को पूरे भारत के लिये गौरव का दिन बतलाते हुए कारगिल युद्ध में शहीद जवानों के परिजनों के योगदान को भी महत्वपूर्ण बताया।
वरिष्ठ पत्रकार सुभाष त्रिपाठी ने कहा कि कारगिल युद्ध में हमारी जीत यूं ही नहीं मिली उसके लिये ५०० से अधिक सैनिकों को अपना प्राण न्यौछावर करना पड़ा। हजारों सैनिक घायल हुए तब कहीं ये जीत हमने हासिल की। उन्होंने कहा कि शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि देते हुए हम उनके प्रति अपनी कृतज्ञयता ही ज्ञापित कर रहे हैं। यह भी जरूरी है कि हम शहीदों के परिजनों के प्रति भी सम्मान की भावना रखते हुए उनके कुशल-क्षेम की जानकारी लेते रहे।