अंकिता हत्याकांड: हाईकोर्ट के बाहर फूटकर रोने लगे माता-पिता, क्या बोले अंकिता के माता-पिता जानिए आपकी आवाज़ से….

बेटी को न्याय नहीं मिल पाने से दुखी वे कोर्ट के गेट पर ही रोने लगे। वे पौड़ी के श्रीकोट से यहां दायर याचिका की सुनवाई के लिए पहुंचे थे। अंकिता के पिता वीरेंद्र भंडारी ने कहा कि अब तक सरकार ने एसआईटी (SIT) से जांच कराई है, उस जांच से वह संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने कहा कि अपनी बेटी को न्याय दिलाने के लिए लड़ाई लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि उनकी बेटी के लिए चंदा इकट्ठा किया जा रहा है। वीरेंद्र सिंह भंडारी ने कहा कि सरकार उनकी बेटी को न्याय दिलाने का अपना मुख्य उद्देश्य तो भूल ही गई, वो शायद चंदे की आड़ में मामले को दबाना चाहती है।

अंकिता भंडारी के पिता कहा कि सरकार ने साजिश के तहत आरोपियों की बचाने की कोशिश की है और सारे साक्ष्य मिटाए हैं। अंकिता की मां सोनी भंडारी का कहना है कि अब सरकार का ना तो कोई जनप्रतिनिधि उनसे मिलने आता है और न ही उनसे किए वादे निभाए जा रहे हैं। वहीं इससे पहले उत्तराखंड हाई कोर्ट ने गुरुवार को अंकिता भंडारी हत्याकांड की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) से मामले में स्थिति रिपार्ट दाखिल करने को कहा था। न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा की एकलपीठ ने हत्याकांड की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराए जाने की प्रार्थना करने वाली एक याचिका पर सुनवाई करते हुए एसआईटी को जांच की स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा।

अंकिता भंडारी हत्याकांड में 11 नवंबर तक रिपोर्ट देगी एसआईटी
हाई कोर्ट ने एसआईटी को रिपोर्ट में उन सबूतों के बारे में विस्तार से बताने को कहा है, जिन्हें घटना की जगह को बुलडोजर से ध्वस्त किए जाने से पहले वहां से एकत्रित किया गया था। एसआईटी को यह रिपोर्ट दाखिल करने के लिए 11 नवंबर तक का समय दिया गया है। गौरतलब है कि पौडी जिले के यमकेश्वर स्थित वनंत्रा रिजॉर्ट में बतौर रिसेप्शिनिस्ट काम करने वाली 19 वर्षीया अंकिता की सितंबर महीने में कथित तौर पर रिजॉर्ट संचालक पुलकित आर्य ने हत्या कर दी थी। आरोपी ने दो कर्मचारियों के साथ मिलकर ऋषिकेश के निकट चीला नहर में अंकिता भंडारी को धक्का देकर हत्या कर दी थी।

अंकिता हत्याकांड में छुपाए जा रहे सबूत
हत्याकांड की जांच पुलिस उपमहानिरीक्षक पी. रेणुका देवी की अध्यक्षता वाली एसआईटी कर रही है। पौडी गढवाल निवासी आशुतोष नेगी ने अपनी याचिका में आरोप लगाया कि पुलिस और एसआईटी मामले के महत्वपूर्ण साक्ष्यों को छिपा रहे हैं और अंकिता की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट भी अब तक सार्वजनिक नहीं की गई है।याचिका में कहा गया है कि जिस दिन नहर से अंकिता का शव बरामद हुआ, उसी दिन उसका कमरा तोड़ दिया गया। मृतका के शव का किसी महिला चिकित्सक की मौजूदगी के बिना ही पोस्टमार्टम कर दिया गया, जो उच्चतम न्यायालय के आदेशों का स्पष्ट उल्लंघन है।

सुप्रीम कोर्ट तक जाएंगे अंकिता भंडारी के पिता वीरेंद्र
याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि पीड़िता से दुर्व्यवहार भी किया गया। हालांकि, पुलिस इस तथ्य को छिपा रही है। याचिकाकर्ता ने इसके मद्देनजर सीबीआई जांच का अनुरोध किया है। इस दौरान, उच्च न्यायालय परिसर में मौजूद अंकिता के माता-पिता ने संवाददाताओं द्वारा पूछे जाने पर कहा कि वे एसआईटी की जांच से संतुष्ट नहीं हैं और वे अपनी बेटी की हत्या की जांच सीबीआई से कराने के पक्ष में हैं। उन्होंने हाल में रिजॉर्ट परिसर में स्थित आरोपी की आंवला कैंडी की फैक्ट्री में लगी आग पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों की मौजूदगी और फैक्ट्री के बिजली का कनेक्शन कटा होने के बावजूद ऐसा कैसे हुआ। अंकिता के पिता वीरेंद्र सिंह ने दावा किया कि ऐसा सबूत मिटाने की साजिश के तहत हुआ। उन्होंने कहा कि जब तक उनकी अंकिता भंडारी को इंसाफ नहीं मिलता और हत्यारों को फांसी की सजा नहीं होती, वह अपना संघर्ष जारी रखेंगे। इसके लिए उन्हें उच्च न्यायालय या उच्चतम न्यायालय तक क्यों न जाना पड़े।

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