
रायपुर: छत्तीसगढ़ में शराबबंदी सियासत का बड़ा मुद्दा है। लेकिन ये समाज का भी बड़ा मुद्दा है, जिसे लेकर बिलासपुर का एक युवक अलग ही आंदोलन कर रहा है। पहले भी इस मुद्दे को लेकर पदयात्रा और भूख हड़ताल कर चुका ये युवक। इस बार नए रुप में समाज को शराब के दंश से बचाने की मांग कर रहा है।
चश्मा, धोती, हाथों में लाठी और तन पर एक कपड़ा… महात्मा गांधी के वेश में ये हैं बिलासपुर के संजय आयल सिंघानी, जो छत्तीसगढ़ में पूर्ण शराबबंदी की मांग करते हुए पिछले तीन साल से इसी वेशभूषा में हैं। सरकार को उसका वादा याद दिलाते हुए दो साल पहले संजय ने धरना-प्रदर्शन शुरू किया। पदयात्रा और भूख हड़ताल भी की। संजय ने अपनी मांग को लेकर मुख्यमंत्री से मुलाकात भी की, लेकिन आश्वासन से आगे बात नहीं बढ़ी। अब वे पिछले 46 दिनों से नेहरू चौक पर एक पेड़ के नीच अनिश्चितकालीन धरना-उपवास पर हैं। सरकार और प्रशासन की अनदेखी से क्षुब्ध संजय से राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को चिट्ठी लिखकर इच्छा मृत्यु की मांग भी की है।
छत्तीसगढ़ में पूर्ण शराबबंदी को लेकर संजय के अनोखे प्रदर्शन को समाज के कई वर्ग के लोगों का समर्थन भी मिल रहा है। कई लोग रोजाना उनके पास पहुंचते हैं। लेकिन जरुरत समाज और सियासत के जिम्मेदारों को सुध लेने की है।