
12 साल के मासूम की हत्या की गुत्थी सुलझी: कबड्डी अच्छा खेलता था समीर, इसलिए उसके दो साथियों ने ही मौत के घाट उतारा
ग्राम रूदा में 12 वर्षीय समीर साहू उर्फ संतू की निर्मम हत्या की गुत्थी को पुलिस ने सुलझा लिया है। पुलिस ने इस हत्याकांड में गांव के ही दो अपचारी बालकों को गिरफ्तार किया है। समीर कबड्डी का अच्छा खिलाड़ी था। इसलिए उसे मौत के घाट उतार दिया।
भिलाई। अंडा थाना क्षेत्र के ग्राम रूदा में 12 वर्षीय समीर साहू उर्फ संतू की निर्मम हत्या की गुत्थी को पुलिस ने सुलझा लिया है। पुलिस ने इस हत्याकांड में गांव के ही दो अपचारी बालकों को गिरफ्तार किया है। क्रमश: 12 व 17 वर्षीय अपचारी, समीर व गांव के कुछ अन्य लड़कों के साथ कबड्डी खेलते थे। समीर कबड्डी का अच्छा खिलाड़ी था। जिससे दोनों अपचारी चिढ़ते थे। इसी के चलते उन्होंने हत्या की योजना बनाई और समीर को मौत के घाट उतार दिया। हत्या करने के बाद अपचारी बालकों ने उसकी लाश को बोरे में भरकर उसे गांव की नर्सरी में फेंक दिया था। पुलिस ने दोनों अपचारी बालकों को गिरफ्तार कर उन्हें बाल संप्रेक्षण गृह भेजा है।
पत्रकार वार्ता में मामले की जानकारी देते हुए एसपी डा. अभिषेक पल्लव और ग्रामीण एएसपी अनंत साहू ने बताया कि दीपावली के दिन 24 अक्टूबर को ग्राम रूदा की नर्सरी में एक बोरे में बंद गांव के रहने वाले समीर साहू उर्फ संतू (12) की लाश मिली थी। लाश को रस्सी से बांधकर बोरे में भरा गया था। पुलिस ने इस मामले को सुलझाने के लिए गांव के पूरे 140 घरों के लोगों से पूछताछ की। लेकिन, उनसे कोई भी सुराग नहीं मिला। लेकिन, सोमवार को हुए एक घटनाक्रम के चलते इस घटना का पर्दाफाश हो गया।
बच्चे की हत्या करने वाले दोनों अपचारी बालकों ने गांव के ही एक दंपती को फंसाने के लिए पुलिस के सामने झूठा बयान दिया कि इसी दंपती ने समीर की हत्या की थी। दोनों अपचारी बालकों को यह पता था कि इस दंपती ने सीताफल तोड़ने की बात पर समीर को गाली दिया था। इसलिए उन्हें लगा कि पुलिस उनकी बात को आसानी से मान लेगी कि इसी दंपती ने समीर को मारा है।
अपचारी बालकों ने यह भी कहा था कि उन्होंने समीर की हत्या होते हुए देखा था। पुलिस ने संदेह के आधार पर दंपती को हिरासत में लेकर पूछताछ भी की। लेकिन, पूछताछ में फिर से कोई बात नहीं निकली। इसके बाद पुलिस ने दोनों अपचारी बालकों से फिर से बयान दोहराने के लिए कहा तो उनकी बातों में अंतर मिला। जिसके बाद पुलिस ने उनसे बारीकी से पूछताछ की तो उन्होंने हत्या करने की बात स्वीकार कर ली।
क्राइम पेट्रोल देखकर बनाई योजना, रस्सी और अन्य सामान खरीदा
दोनों अपचारी बालक मोबाइल पर क्राइम पेट्रोल देखते थे। उन्होंने उसी को देखकर हत्या और लाश को ठिकाने लगाने की योजना बनाई। इसके तहत उन्होंने बोरा, रस्सी और सिलाई करने वाला सूजा खरीदा। उन्होंने 19 अक्टूबर को पूरी तैयारी की और 21 अक्टूबर का दिन हत्या करने के लिए चुना। निर्धारित योजना के तहत ही उन्होंने वारदात को अंजाम दिया। गांव के मैदान में कबड्डी खेलने के बाद गांव के सभी लड़के अपने अपने घर चले गए। तब दोनों अपचारी बालकों ने समीर को अपनी बातों में उलझाया।
इसके बाद उसे नर्सरी के गेट के पास ले गए। वहां पर एक अपचारी ने पत्थर से उसके सिर पर वार किया और दूसरे ने उसका मुंह दबा दिया। पत्थर की वार से समीर बेहोश हो गया और मुंह दबाए जाने से उसका दम घुट गया। जिससे उसकी मौत हो गई। इसके बाद दोनों ने मिलकर नर्सरी के एक पेड़ के पास उसकी लाश को छिपा दिया और अपने अपने घर चले गए। घर से बोरा, रस्सी और सूजा लेकर आए। उसकी लाश को बांधा और बोरे में भरा। इसके बाद बोरे को सिलकर उसे नर्सरी के भीतर फेंक दिया था। गिरफ्तार किए गए अपचारी बालकों में एक बालक आठवीं और दूसरा बालक 12वीं का छात्र है।