रोमांच, प्रकृति और आनंद से सराबोर रहा ‘जशपुर जम्बूरी 2025’ का दूसरा दिन…..

मयाली नेचर कैंप में वाटर स्पोर्ट्स, एटीवी राइडिंग और बर्ड वॉचिंग ने बढ़ाया उत्सव का आकर्षण

जशपुरनगर 7 नवम्बर 2025/ ‘जशपुर जम्बूरी 2025’ के दूसरे दिन मयाली नेचर कैंप में रोमांच, उत्साह और प्राकृतिक सौंदर्य का अद्भुत संगम देखने को मिला। मयाली डैम के जलाशय में आज दिनभर वाटर स्पोर्ट्स का रोमांच छाया रहा, जहां प्रतिभागियों ने वाटर साइकलिंग, कयाकिंग और बोटिंग का भरपूर आनंद लिया। जशपुर की शांत वादियों में पानी के साथ यह साहसिक अनुभव हर प्रतिभागी के लिए यादगार रहा। जंबूरी में जशपुर और अन्य जिलों से आए प्रतिभागियों ने उत्साह के साथ भाग लिया। जशपुर की हसीन वादियों में हो रहे जंबूरी में जिला प्रशासन द्वारा संचालित क्रीड़ा परिसर, नवसंकल्प एवं नवगुरुकुल के तहत चयनित मेधावी बच्चों ने भी उत्साह के साथ भाग लिया।

खेल और एडवेंचर गतिविधियों में झलका उत्साह –
जंबूरी के दूसरे दिन बॉक्स क्रिकेट, एटीवी राइडिंग और नेट बॉल जैसी गतिविधियों ने प्रतिभागियों को उत्साह से भर दिया। एटीवी बाइक राइडिंग के दौरान युवाओं ने जंगलों के बीच मिट्टी के रास्तों पर गति और संतुलन का रोमांच महसूस किया। नेट बॉल और क्रिकेट मुकाबलों में भी प्रतिभागियों ने पूरे जोश के साथ हिस्सा लिया।

सुबह की शुरुआत बर्ड वॉचिंग से, दिनभर रहा उत्सव का रंग –
रायपुर से आई प्रतिभागी नीलिमा यादव ने बताया कि वे जंबूरी के दौरान होमस्टे में ठहरीं और सुबह 4 बजे से बर्ड वॉचिंग में शामिल हुईं, जिसमें 18 प्रजातियों के पक्षियों का अवलोकन किया गया। उन्होंने बताया कि इस आयोजन में चार तरह की साहसिक गतिविधियों में भाग लेने का अनुभव बेहद रोमांचक रहा और जिला प्रशासन की व्यवस्था उत्कृष्ट है।

प्रतिभागियों ने साझा किए अपने अनुभव
कबीरधाम जिला से आए राकेश जायसवाल और संजय यादव ने कहा कि वाटर एक्टिविटीज़ का अनुभव शानदार रहा। उन्होंने वाटर साइकलिंग, एटीवी बाइक राइडिंग और कल्चरल एक्टिविटीज़ का भरपूर आनंद लिया। उन्होंने कह कि कैंपिंग का अनुभव यादगार रहा और जिला प्रशासन की व्यवस्था अनुकरणीय है। इसी प्रकार बस्तर क्षेत्र के कोंडागांव जिला से आई रागिनी जायसवाल ने कहा कि “अब तक हमने बस्तर की खूबसूरती देखी थी, अब जशपुर की वादियों का अनुभव मिला है। यहां का प्राकृतिक सौंदर्य अद्भुत है, सभी को यहाँ आना चाहिए।” ‘जशपुर जम्बूरी 2025’ का यह दूसरा दिन रोमांच, साहस और प्राकृतिक सौंदर्य के संगम के रूप में प्रतिभागियों के दिलों में हमेशा के लिए बस गया। आने वाले दिनों में भी यह आयोजन जशपुर को छत्तीसगढ़ के पर्यटन मानचित्र पर नई ऊँचाई देगा।

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