
कवासी लखमा की गिरफ्तारी पर सुकमा बंद, कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन जारी
सुकमा। छत्तीसगढ़ के पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा की गिरफ्तारी के विरोध में जिला कांग्रेस ने एक दिवसीय सुकमा बंद का आह्वान किया, जिसका व्यापक असर देखने को मिल रहा है। सुबह से ही व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद हैं और कांग्रेस कार्यकर्ता शहर में नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन कर रहे हैं।
ED ने किया था गिरफ्तार, सात दिन की रिमांड
शराब घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बुधवार को कवासी लखमा को तीसरी बार पूछताछ के लिए बुलाया था, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर जस्टिस अतुल श्रीवास्तव की कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने सुनवाई के बाद 22 जनवरी तक के लिए सात दिन की रिमांड पर भेज दिया। इस मामले में लखमा के बेटे हरीश को भी आरोपी बनाया गया है, लेकिन अभी तक उनकी गिरफ्तारी नहीं हुई है।
2019 में उजागर हुआ था शराब घोटाला
ईडी की जांच के अनुसार, 2019 से 2022 के बीच कांग्रेस शासनकाल में शराब दुकानों में डुप्लीकेट होलोग्राम लगाकर अवैध शराब बेची गई, जिससे राज्य को 2161 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। घोटाले में शामिल लोगों ने उत्तर प्रदेश के नोएडा स्थित PHSE (प्रिज्म होलोग्राफी सिक्योरिटी फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड) को टेंडर देकर नकली होलोग्राम तैयार करवाए।
नियमों में बदलाव कर दिया गया था टेंडर
ईडी के मुताबिक, PHSE कंपनी इस काम के लिए पात्र नहीं थी, फिर भी नियमों में बदलाव कर उसे टेंडर दिया गया। कंपनी के मालिक से भारी कमीशन लेने के सबूत भी मिले हैं। ईडी द्वारा गिरफ्तार किए गए कंपनी मालिक विधु गुप्ता ने कांग्रेस सरकार के CSMCL (छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड) में एमडी अरुणपति त्रिपाठी, बिजनेसमैन अनवर ढेबर और अनिल टुटेजा के नाम उजागर किए थे।
2024 में लखमा का नाम आया सामने
जांच के दौरान जब इन तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, तो घोटाले से जुड़े और भी नाम सामने आए। 2024 के अंत में ईडी की जांच में पूर्व मंत्री कवासी लखमा का नाम भी सामने आया। सूत्रों के मुताबिक, लखमा को शराब घोटाले से हर महीने पीओसी (प्रोसीड ऑफ क्राइम) के तहत कमीशन मिलता था।
सुकमा में विरोध प्रदर्शन जारी
कवासी लखमा की गिरफ्तारी के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं में नाराजगी बढ़ गई है। सुकमा में व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद हैं और कार्यकर्ता सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि यह गिरफ्तारी राजनीतिक द्वेष के तहत की गई है।
अब सभी की नजरें ईडी की आगामी कार्रवाई और लखमा की रिमांड में होने वाले खुलासों पर टिकी हैं।