दुल्हन की चाहत में लुट गए 1400 कुंवारे, जानिए क्या है पूरा मामला

ग्वालियर पुलिस ने पिछले हफ्ते फेक मैट्रिमोनियल साइट चलाने वाली इंटर स्टेट गैंग को पकड़ा था। इस गैंग ने 11 राज्यों में 1400 से ज्यादा कुंवारों से ठगी की है। इनके टारगेट पर 35 से 45 साल के ओवरएज कुंवारे रहते थे। आरोपियों के तीन ऑफिस से पुलिस को कई दस्तावेज मिले थे। एक रजिस्टर भी मिला, जिसमें ठगे गए लोगों के नाम, पते और रकम तक का जिक्र है। इस गैंग के कॉल सेंटर से नाबालिग लड़कियां लोगों को फोन करती थीं।

गैंग के खिलाफ गवाह और सबूत जुटाने के लिए पुलिस ठगे गए लोगों से कॉन्टैक्ट कर रही है, लेकिन अब यही लोग पुलिस के लिए सिरदर्द बन गए हैं। अब तक 25 से ज्यादा लोगों को कॉल किया जा चुका है, लेकिन वे गवाही देने को तैयार नहीं हैं। उनका कहना है कि वे ठगे तो जा चुके हैं। अब सामने आकर अपनी बेइज्जती नहीं कराना चाहते। पुलिस भी उन पर जोर नहीं डाल पा रही है। बता दें, इस गैंग के चक्कर में उत्तर प्रदेश के एक रिटायर्ड TI तक फंस चुके हैं।

इस तरह सामने आया था पूरा नेटवर्क
SSP ग्वालियर अमित सांघी को नेटवर्क की शिकायत मुखबिर से मिली थी। पुलिस को पता लगा था कि आदर्श कॉलोनी में RISHTEY.COM नाम से साइट और कॉल सेंटर चल रहा है। पुलिस ने छापा मारा तो यहां दो लड़कियां कॉलिंग करते हुए मिलीं। जब पुलिस ने इन लड़कियों से बात की तो खुलासा हुआ कि यह कॉल सेंटर बलवंत नगर और बिरलानगर में रहने वाली दो महिलाएं चला रही हैं। दोनों लड़कियों को हिरासत में लेकर पूछताछ में पता चला कि एक अन्य मैट्रिमोनियल सेंटर विवाह बंधन के नाम से काल्पीब्रिज भारती निवास में चल रहा था।

नाबालिग लड़कियां कॉल करके फंसाती थी
पुलिस ने भारती निवास पर छापा मारा और यहां से चार लड़कियों को कॉलिंग करते हुए पकड़ा। इसके बाद पता लगा कि एक और सेंटर सत्यदेव नगर श्रीजी अपार्टमेंट में ऑनलाइन मैचिंग सेंटर के नाम से चल रहा है। यहां पर भी चार नाबालिग लड़कियां कॉलिंग कर कस्टमर को फंसाते मिलीं। इस पूरे मामले में 4 लड़कियों समेत 6 लोगों को गिरफ्तार किया है। अब यह सभी जेल जा चुकी हैं। आरोपियों को कड़ी सजा दिलाने के लिए गवाह और सबूत को पुलिस पुख्ता करना चाहती है।

ऐसे करते थे ठगी
कॉल सेंटर से लड़कियां ऐसे लोगों को कॉल करती थीं, जिन्होंने कभी उनकी वेबसाइट पर विजिट की या सर्च किया था। इसके बाद उनको शादी के लिए पसंद का लड़का या लड़की दिलाने का सपना दिखाती थीं। सोशल मीडिया अकाउंट से युवा लड़के और लड़कियों के फोटो कॉपी कर इन लोगों को दिखाए जाते थे। जब टारगेट जाल में फंसने लगता था तो उससे वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करने के लिए कहते थे। किसी से 5500 रुपए तो किसी से 11 हजार रुपए फीस लेते थे। एक बार फीस लेकर उस नंबर को ब्लॉक कर देते थे।

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