राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र की सूचना के बाद भी 24 घंटे तक लटकती रही लाश…. शासन प्रशासन बेपरवाह

पिछारू राम कोरवा निवासी बिरलाकोना (जबला) जशपुर की संदिग्ध मौत के बाद 4 दिनों तक पेड़ से लटकती रही लाश, और जानवर उसके पांव खा गए। सूचना मिलने पर भी प्रशासन ने 24 घंटे तक नहीं उतारी लाश । प्रशासन सोती रही और परिजन रातभर बारिश में लाश की रखवाली करते रहे। बताया जा रहा है कि परिजनों ने जब दारु की व्यवस्था की तब कहीं जाकर उतारी गई लाश। आजतक कोई भी जिम्मेदार अधिकारी अथवा शासन में बैठे जनप्रतिनिधि ने उनके घर जाकर खबर नहीं ली ना ही उन्हें कोई सहायता राशि ही प्रदान की गई है।
यह बात कितनी शर्मनाक है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अगर प्रबल प्रताप सिंह जूदेव को यह सूचना नहीं मिली होती और वे घटना स्थल पर नहीं पहुंचे होते तो शासन प्रशासन ने बहुत ही निर्दयता से इस हृदयविदारक घटना को छुपा दिया था। जहां छोटी से छोटी बात ब्रीफ किया जाता है तो इस घटना को उनकी नजरों में क्यों नहीं लाया गया यह प्रश्न तो बनता ही है।सूचना के बावजूद लाश का 24 घंटे तक टंगे रहना तो सरासर अमानवीय कृत्य है।
प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने अपना आक्रोश जताते हुऐ बताया कि एक तरफ तो सरकार आदिवासियों के विकास की बड़े बड़े दावे करती है और दूसरी तरफ विलुप्त होती आदिम जनजाति के सदस्य फांसी लगाकर जान दे रहे हैं और उन्हें कोई पूछनेवाला तक नहीं है।सत्ता के नशे में चूर जनप्रतिनिधि अपने साथ अपने कार्यकर्ताओं को हवाई यात्रा का आनंद दिलवा रहे हैं। उन्होंने आगाह किया कि इस तरह की प्रशासनिक लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और एक दिवसीय धरने के माध्यम से इस शासकीय एवम प्रशासनिक अमानवीय कृत्य को जनता तक पहुंचाया जाएगा और आगामी रणनीति तय की जाएगी।

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