
आरक्षण पर जंग तेज, भाजपा-कांग्रेस ने एक-दूसरे को बताया युवाओं का करियर किलर
रायपुर। Reservation In Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में आरक्षण संशोधन विधेयक को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। यह राजनीतिक दलों के लिए अब बड़ा मुद्दा बन गया है। इसे लेकर भाजपा-कांग्रेस दोनों ही एक-दूसरे को युवाओं का करियर किलर बता रहे हैं। भाजपा ने इस मामले में क्वांटिफाइबल डाटा आयोग की रिपोर्ट और राज्यपाल को दिए गए 10 प्रश्नों के जवाब को सार्वजनिक करने के साथ ही आरक्षण पर श्वेत पत्र जारी करने की मांग की है। वहीं कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि राजभवन में आरक्षण को अटकाने वाले भाजपा के लोग राजभवन में ही सरकार की ओर से भेजे गए जवाबों को पढ़ लें।
भाजपा नेता व पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने आरोप लगाया कि इस सरकार के पास युवाओं को नौकरी देने के लिए पैसे नहीं हैं, इसलिए आरक्षण का पेंच फंसा दिया है। सरकार प्रदेश के लाखों युवाओं के भविष्य से जुड़े इतने महत्वपूर्ण मामले पर केवल राजनीति कर रही है, इसलिए हम कह रहे हैं। कांग्रेस युवाओं की करियर किलर है। इसके लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जिम्मेदार हैं। एसटी का 32 प्रतिशत आरक्षण समाप्त करने के लिए सरकार जिम्मेदार है। वर्ष 2012 से आदिवासी समाज को 32 प्रतिशत आरक्षण मिल रहा था। 19 सितंबर 2022 को आरक्षण 20 प्रतिशत हो गया। चार साल से कांग्रेस की सरकार है। हाईकोर्ट में 32 प्रतिशत आरक्षण बचाने कुछ नहीं किया। कई बार तो कोर्ट में एडवोकेट जनरल खड़े तक नहीं हुए।
बृजमोहन ने कहा कि जब इनके अधिकारियों का मामला होता है तो करोड़ांे रुपये देकर बड़े वकील लगाते हैं। 19 सितंबर को आरक्षण कम हुआ। दो दिसंबर को यानी 70 दिन बाद विधेयक लाए। इन्होंने 58 प्रतिशत आरक्षण का बचाव नहीं किया। न अध्यादेश लाए और न सुप्रीम कोर्ट से स्थगन लिया। आरक्षण मामले पर चार वर्ष में क्या-क्या किया, इस पर कांग्रेस सरकार श्वेत पत्र जारी करे।
भाजपा आरक्षण किलर पार्टी: कांग्रेस
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने भाजपा पर पलटवार किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा नहीं चाहती कि राजभवन आरक्षण विधेयक पर हस्ताक्षर करे। बृजमोहन अग्रवाल ने अपनी पत्रकारवार्ता में एक बार भी नहीं कहा कि आरक्षण विधेयक का तत्काल निराकरण हो। वे बार-बार विधेयक के संबंध में अनावश्यक बातें करते रहे लेकिन विधेयक पर राजभवन हस्ताक्षर करे, हस्ताक्षर क्यों नहीं हो रहा है, इस संबंध में कुछ नहीं कहा। यह इस बात को साबित करने के लिए पर्याप्त है कि भाजपा आरक्षण विधेयक को कानून बनने से रोकने की मंशा रखती है। भाजपा आरक्षण किलर पार्टी है। राज्यपाल ने खुद होकर हस्ताक्षर करने की बात कही थी फिर विधेयक क्यों रुका है? किसके कहने पर रुका है? सरकार के 10 सवालों के जवाब के बाद भी हस्ताक्षर क्यों नहीं हो रहा है? श्ाुक्ला ने कहा कि यह सब भाजपा की साजिश है। भाजपा कांग्रेस को श्रेय न मिले इसलिए हस्ताक्षर नहीं होने दे रही है।