पंचायत राज मंत्रालय ने स्वामित्व योजना के संबंध में विडियों काॅन्फ्रेस के माध्यम से राजस्व अधिकारियों को दी जानकारी

आबादी सर्वे का कार्य ड्रोन के माध्यम से किया जाना है, राजस्व अधिकारियों को कार्ययोजना बनाने के दिये निर्देश

जशपुरनगर 01 फरवरी 2021/  सचिव पंचायती राज मंत्रालय दिल्ली की अध्यक्षता में आज विडियाॅ काॅन्फ्रेस के माध्यम से स्वामित्व योजना के संबंध में राजस्व अधिकारियों को जानकारी दी गई। आॅनलाईन से कलेक्टर श्री महादेव कावरे, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, श्री के.एस. मण्डावी, सभी एस.डी.एम. जनपद सीईओ, तहसीलदार एवं राजस्व अधिकारी आॅनलाईन से सीधे जुड़े थे।विडियो काॅन्फ्रेस के माध्यम से अधिकारियों को स्वामित्व योजना के तहत् ग्रामीण आबादी सर्वे विधिक प्रावधान, आबादी नक्शा, स्वामित्व योजना का लाभ के संबंध में बताया गया। विडियों काॅन्फ्रेस के माध्यम से अधिकारियों ने बताया कि पायलट प्रोजेक्ट के तहत् छत्तीसगढ़ में आबादी सर्वे का कार्य ड्रोन कैमरा के माध्यम से किया जाना है। इसके लिए कार्ययोजना बनायी जायेगी। स्वामित्व योजना के बारे में बताया गया कि राष्ट्रीय पंचायती दिवस के अवसर पर 24 अप्रैल 2020 को इसका शुभारंम् किया गया था। पंचायती राज मंत्रलाय ही इस योजना को लागू कराने वाला नोडल मंत्रालय है ड्रोन्स के जरिये प्राॅपर्टी के सर्वे के लिए सर्वे आॅफ इण्डिया नोडल एजेंसी है, योजना का उद्देश्य ग्रामीण आबादी के जमीनों को सीमांकन, ड्रोन सर्वे के द्वारा किया जाना है इससे ग्रामीणजनों को अपने घरों के मालिकाना हक का एक रिकार्ड बनेगा और वे इसका उपयोग बैंक से लाॅन लेने या अन्य कार्य के लिए भी कर सकते हैं। मध्यप्रदेश के राजस्व अधिकारी, श्री ज्ञानेश्वर पाटील ने प्रजंेटेशन के माध्यम से बताया कि आबादी सर्वे का लाभ हितग्राहियों को, ग्राम पंचायत को लाभ और राज्य शासन को क्या लाभ मिलेगा। सर्वे करने के उपरांत आबादी सर्वे का आॅनलाईन डाटा अपडेट किया जायेगा, ताकि कोई भी हितग्राहि अपने डाटा को आॅनलाईन देख सके।
छत्तीसगढ़ में अप्रैल 2021 से आबादी सर्वे का कार्य प्रारंभ जाना प्रस्तावित है। जो दो साल के लिए कार्ययोजना पर कार्य की जायेगी। विडियाॅ काॅन्फ्रेस में बताया गया कि आबादी सर्वे के विभिन्न हितग्राहियों को होने वाले लाभ, ग्रामवासियों को सम्पति का लाभ, प्रत्येक सम्पति धारियों को उसके सम्पति का स्वामित्व प्रमाण-पत्र, बैक से ऋण लेने में आसानी होगी। उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायतों को सम्पति शुल्क के रूप में लाभ मिलेगा। पंचायतों को योजना बनाने में आसानी होगी, शासकीय एवं सार्वजनिक सम्पति की सुरक्षा एवं रख-रखाव में आसानी होगी और सम्पति विवाद कम होगें। उन्होंने बताया कि ड्रोन के माध्यम से सर्वे करने से पहले जिला स्तर, विकासखण्ड स्तर, ग्राम पंचायत स्तर पर समिति बनायी जायेगी, दावापति भी लिया जायेगा। जिला स्तर पर कलेक्टर अध्यक्ष रहेगें, पुलिस अधीक्षक, जिला पंचायत सीईओ, भू- अभिलेख के अधिकारीगण, एनआईसी.के अधिकारीगण को शामिल किया जाना है। इसी प्रकार तहसील स्तर के समिति में एस.डी.एम., तहसीलदार, जनपद सीईओ, थानेदार को शामिल किया जाना है। ग्राम पंचायत के समिति में सरपंच, सचिव, कोटवारों को भी शामिल किया जाना अनिवार्य है।

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