
खाने के तेल की बढ़ती कीमतों पर बड़ा अपडेट, सरकार ने लिया ये कड़ा फैसला
नई दिल्लीः होली से पहले खाने के तेल की बढ़ती कीमतों ने रसोईं का बजट बिगाड़ दिया है. खाद्य तेलों की बढ़ती कीमतों पर सरकार ने सख्ती की तैयार कर ली है. केंद्र सरकार ने तेलों की कीमतों को कम करने के लिए राज्यों के साथ कई दौर की बात की है. सरकार ने तेल उत्पादक, निर्यातकों से भी कई दौर की बातचीत की है.
तेल की बढ़ती कीमतों पर एक्शन मोड में सरकार
केंद्र ने राज्यों को Enforcement Machinery लगाने के निर्देश दिए हैं. साथ ही कीमतों में कृत्रिम बढ़ोत्तरी को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने को कहा है. जमाखोरी और कीमतों में वृद्धि पर कानूनी कार्रवाई करने और राज्यों को जिला स्तर पर निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए हैं.
तेजी से बढ़ी हैं कीमतें
पिछले एक सप्ताह में रिफाइंड की कीमतों में लगभग 25 रुपया प्रति लीटर और बादाम की कीमत में 20 से 30 रुपया प्रति किलो की बढ़ोतरी हुई है. खाद्य तेल की बढ़ती कीमतें आने वाले दिनों में नई ऊंचाई पर पहुंच सकती हैं. उद्योग के खिलाड़ियों और विशेषज्ञों ने कहा कि घरेलू खाद्य तेल की कीमतें पिछले महीने 25-40 फीसदी बढ़ी हैं.
रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते बढ़ी कीमतें
रूस-यूक्रेन युद्ध ने सनफ्लॉवर ऑयल, पॉम ऑयल और सोयाबीन ऑयल की आपूर्ति को तिहरा झटका दिया है. यूक्रेन से सनफ्लॉवर की आपूर्ति पर दबाव ने इंडोनेशिया से निर्यात नीति को और प्रभावित किया है. जिससे पॉम ऑयल आयात प्रभावित हुआ है. इसके अलावा इसने दक्षिण अमेरिका में फसल नुकसान की चिंताओं को बढ़ा दिया है, जिससे सोयाबीन ऑयल की आपूर्ति प्रभावित हुई है.
आने वाले दिनों में और बढ़ेगी कीमत
कीमतें (खाद्य तेलों की) केवल एक महीने के भीतर 125 रुपये से बढ़कर 170-180 रुपये हो गई हैं. ये मई या जून के दौरान और बढ़ सकती हैं. आगे कीमतों में वृद्धि की मात्रा कई कारकों पर निर्भर करेगी. लेकिन यह निश्चित रूप से एक छोटी वृद्धि नहीं होगी.