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बच्‍चों के लिए जहर से कम नहीं है 10 रुपए की ये चीज, कहीं आपकी भी फेवरेट तो नहीं

नई दिल्ली: भागदौड़ भरी जिंदगी में झटपट तैयार होने वाला नूडल्‍स (Noodels) लोगों के नाश्ते या शाम के स्नैक्स का अहम हिस्सा बन चुका है. वहीं इसके अलावा पैरेंट्स के पास जब भी समय की कमी होती है तो वो फौरन बच्चों के लिए नूडल्‍स उबाल देते हैं. बाजार में कई तरह के नूडल्‍स मौजूद हैं जिनमें अलग-अलग तरह के फ्लेवर भी हैं जो बच्चों के साथ बड़ों को भी पसंद आते हैं. लेकिन हमें थोड़ा रुककर यह सोचना पड़ेगा कि क्या नूडल्‍स हमारे बच्चों के लिए सुरक्षित हैं? क्या हमें वाकई खुद भी इस इंस्टेंट फूड आइटम को खाना चाहिए.

सचेत होने की जरूरत

ओवन या गैस में दो से चार मिनट में तैयार होने वाले इस फूड आइट्म्स को लेकर हमें इसलिए सचेत होने की जरूरत है क्योंकि इसे मैदे से बनाया जाता है. हालांकि अब आटा नूडल्स भी आने लगे हैं लेकिन स्वाद बढ़ाने के नाम पर उनमें मौजूद हाइली प्रोसेस्ड केमिकल्स सेहत के लिए सही नहीं होते. इनमें न्यूट्रिशन की मात्रा बिल्कुल नहीं होती. इससे सिर्फ चंद घंटो के लिए भूख को दूर भगाया जा सकता है.

परेशान करने वाला प्रॉसेस

इंस्टेंट नूडल्‍स को पहले भाप में पका कर फिर डीप फ्राई किया जाता है. ताकि ये कई महीनों तक खाने लायक बने रह सकें. ऐसा करने से इसमें ट्रांस फैट की मात्रा अक्सर ज्यादा हो जाती है. बच्चों में इसके इस्तेमाल से वजन बढ़ने की समस्या हो सकती है. इसके अलावा नूडल्स के ऊपर होने वाली वैक्स कोटिंग बच्चों के लिए बहुत ज्यादा नुकसानदायक हो सकती है.

इन बीमारियों का खतरा

नूडल्स में होने वाली वैक्स कोटिंग बच्चों के लिवर को खराब कर सकती है. नूडल्‍स को सुखाकर यानी एकदम ड्राइ रखना होता है. ऐसे में नूडल्स मेकर्स कंपनियां ये भी चाहती हैं कि उनका प्रोडक्ट ड्राई रहने के साथ-साथ उसमें मौजूद नमी भी बरकरार रहे. इसके लिए नूडल्स में प्रोपाइलिन ग्लाइकोल मिला दिया जाता है. यह प्रोपाइलिन ग्लाइकोल बच्चों के हार्ट के लिए बिल्कुल भी सही नहीं है. लंबे समय तक इसका इस्तेमाल किया जाए तो बच्चों को हार्ट, लीवर और किडनी से जुड़े रोग हो सकते हैं.

ये भी कम खतरनाक नहीं

नूडल्स में मौजूद मोनोसोडियम ग्लूटामैट एक हार्मफुल केमिकल है जो ब्रेन को डैमेज कर सकता है. इसे फ्लेवर बढ़ाने के नाम पर डाला जाता है. नूडल्‍स सुरक्षित रखने के लिए उसमे बहुत ज्यादा मात्रा में नमक का उपयोग किया जाता है ताकि यह प्रिजर्व रहे, जो बच्चों के वाइटल ऑर्गन को नुकसान पहुंचा सकता है.

इन सभी के अलावा इंस्टेंट नूडल्‍स में डाय ओक्सीन और प्लास्टिसाइजर जैसे केमिकल पाए जाते हैं जो नूडल्‍स के पकने के बाद भी मौजूद रहते हैं. इनका इस्तेमाल करने से यह आपके बच्चे को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचा सकते हैं, बल्कि इससे कैंसर होने का खतरा भी बढ़ जाता है.

जरूरत पड़े तो यूं करें इस्तेमाल

अगर आप नूडल्‍स का इस्तेमाल कर ही रहे हैं तो उन्हें बहुत ज्यादा बहुत देर तक पानी से धोएं. उन्हें अच्छी तरह से उबालकर पानी पूरा ड्रैन कर लें ताकि उसमें मौजूद एक्स्ट्रा फैट पूरी तरह से बाहर निकल जाए. उन्हें पकाते समय अच्छे तेल का इस्तेमाल करें.

सेहत के लिए करें बायकाट

ऐसे प्रोडक्ट्स से सेहत को होने वाले नुकसान से बचने के लिए आप ऑर्गेनिक नूडल्स का यूज कर सकते हैं. जिनमें कम फैट होता है. फूड एक्सपर्ट्स के मुताबिक इसमें हार्मफुल केमिकल भी बेहत कम मात्रा में मौजूद होते हैं. वहीं किसी भी तरह के नूडल्‍स के बजाय आप नाश्ते में हेल्दी डाइट जैसे पोहा, दलिया, ड्राई फ्रूट्स और ओट्स आदि का इस्तेमाल भी कर सकते हैं.

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